Ravivar Vrat Udyapan: रविवार व्रत जीवन में दिलाता है सफलता और समृद्धि, जानें कैसे करें इस व्रत का उद्यापन?
Ravivar Vrat Udyapan: रविवार के व्रत-पूजन से सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है. सभी व्रतों में रविवार व्रत को महात्मय व्रत माना गया है. लेकिन व्रत के बाद उद्यापन करना जरूरी है वरना इसका फल नहीं मिलता.
![Ravivar Vrat Udyapan: रविवार व्रत जीवन में दिलाता है सफलता और समृद्धि, जानें कैसे करें इस व्रत का उद्यापन? Ravivar vrat udyapan Surya dev Puja Sunday fast udyapan vidhi samagri and importance Ravivar Vrat Udyapan: रविवार व्रत जीवन में दिलाता है सफलता और समृद्धि, जानें कैसे करें इस व्रत का उद्यापन?](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/04/01/1665e494ea197fc28b11109aa52ec4791680339078103466_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Ravivar Vrat Udyapan Vidhi and Importance: सप्ताह के हर दिन किसी न किसी देवी-देवता के लिए व्रत रखने या पूजा करने का विधान है. रविवार के दिन भगवान सूर्यदेव की पूजा की जाती है और बहुत से लोग इस दिन व्रत भी रखते हैं. रविवार का व्रत रखने से समस्त शारीरिक कष्टों से मुक्ति मिलती है और व्यक्ति असीम सुखों को प्राप्त करना है.
ज्योतिष में सूर्य देव को नवग्रहों का राजा कहा जाता है. इसलिए नवग्रहों की शांति के लिए भी सूर्य देव की उपासना की जाती है. वहीं जो लोग रविवार का व्रत रखते हैं उनका जीवन सुखों से भरा रहता है और सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है. लेकिन कोई भी व्रत तभी सफल माना जाता है, जब उसका उद्यापन किया जाए. जानते हैं रविवार व्रत के लाभ और व्रत उद्यापन की विधि के बारे में.
रविवार व्रत के लाभ
- रविवार का दिन भगवान भास्कर को समर्पित होता है. इनकी पूजा और व्रत से घर सुख-समृद्धि से भर जाता है और शत्रुओं का नाश होता है.
- रविवार का व्रत कम से कम एक वर्ष और अधिकतम 12 वर्षों तक किया जा सकता है. लेकन व्रत छोड़ने के बाद इसका उद्यापन जरूर करें.
- मान्यता है कि जो लोग रविवार का व्रत रखते हैं या रविवार की व्रत कथा सुनते हैं उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है.
- जो लोग रविवार के दिन मांसाहार या तामसिक भोजन और नमक का त्याग करते हैं उन्हें उत्तम स्वास्थ्य के साथ ही मान-सम्मान व यश की प्राप्ति होती है.
- अगर कोई स्त्री इस व्रत को करे तो उसे संतान सुख मिलता है. साथ ही रविवार का व्रत मोक्ष प्रदान करने वाला माना गया है.
- रविवार व्रत से सूर्य ग्रह के अशुभ प्रभाव कम होते हैं और कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है.
- रविवार व्रत से चर्म रोग, नेत्र रोग और कुष्ठ रोग की समस्या भी दूर होती है.
रविवार व्रत उद्यापन पूजा सामग्री
सूर्य देव की प्रतिमा या तस्वीर, लकड़ी की चौकी, लाल कपड़ा, द्वादश दल वाला कमल का फूल, कलश, अक्षत, दीप-बाती, गंगाजल, कंडेल का फूल, लाल चंदन, गुड़, लाल वस्त्र, जनेऊ, रोली, नैवेद्य, पंचामृत, पान का पत्ता, सुपारी, लौंग, इलायची, नारियल, फल, कपूर, हवन सामग्री, घी, आम की लकड़ी और भोग के लिए खीर.
रविवार व्रत उद्यापन विधि
रविवार का व्रत उद्यापन वैदिक मंत्रो के साथ किया जाता है. अगर आपको वैदिक मंत्रों की जानकारी न हो तो आप किसी पुरोहित से व्रत का उद्यापन विधिपूर्वक करा सकते हैं. लेकिन अगर आप स्वयं ही व्रत का उद्यापन करना चाहते हैं तो इसके लिए सबसे पहले प्रात:काल उठकर स्नान कर लें और पूजा की तैयारी करें. एक चौकी मे लाल रंग का कपड़ा बिछाकर गंगाजल छिड़कर शुद्ध कर लें. फिर चौकी में भगवान सूर्य की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें. चौकी के बीच में जल से भरा एक कलश रखें. भगवान को लाल वस्त्र चढ़ाकर चंदन, रोली, अक्षत, जनेऊ आदि अर्पित कर फूल-फल, भोग और पंचामृत चढ़ाएं. अब धूप-दीप दिखाएं. सूर्य देव के साथ ही भगवान गणेश की भी पूजा करें. इसके बाद रविवार की व्रत कथा पढ़ें और सूर्य देव की आरती करें. पूजा के बाद किसी ब्राह्मण को दक्षिणा जरूर दें.
ये भी पढ़ें: Shukrawar Niyam: शुक्रवार के दिन कभी नहीं खरीदनी चाहिए ये चीजें, मां लक्ष्मी हो जाती हैं नाराज
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)