Indian Richest Mandir: भारत के मंदिर देश की समृद्ध धार्मिक विरासत के प्रतीक हैं, जिनका गौरवशाली इतिहास है. प्राचीन काल में भारत को सोने की चीड़िया कहा जाता था, यहां के मंदिरों में कई रहस्मयी खजाने सोने, हरे जवाहरातों से भरे थे लेकिन अंग्रेजों की हुकुमत ने देश को बहुत हानि पहुंचाई. लेकिन आज भी भारत में कई ऐसे मंदिर हैं, जहां हर साल करोड़ों रुपयों का चढ़ावा आता है. आइए जानते हैं भारत के अमीर मंदिर के बारे में, किसको कितना दान मिलता है, कहां-कहां ये पैसा खर्च होता है.
देश के सबसे अमीर मंदिर कौन से हैं ?
- पद्मनाभ स्वामी मंदिर - भारत के सबसे अमीर मंदिरों की सूची में सबसे पहला स्थान केरल में त्रिवेंद्रम स्थित पद्मनाभ स्वामी मंदिर का आता है. मंदिर के खजाने में हीरे, सोने के गहने और सोने से निर्मित मूर्तियां शामिल हैं. ये मंदिर तब चर्चा में आया जब मंदिर के 6 दरवाजे खोले गए तो यहां से करीब 20 अरब डॉलर का खजाना निकला, जिसमें सोने, हीरे और बहुमूल्य गहने मिलें.
- तिरुपति बालाजी मंदिर - देश का दूसरा समृद्ध मंदिर आंध्र प्रदेष के चित्तूर जिले में है, तिरुपति बालाजी मंदिर. यहां श्री वेंकटेश्वर भगवान विराजित हैं.
- शिरडी साईं बाबा - महाराष्ट्र का शिरडी साईं बाबा मंदिर देश का सबसे अमीर मंदिरों में शूमार है. यहां हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं. यहां भक्ति विदेशी मुद्रा के साथ सोने, चांदी, हीरे दान करते हैं.
- सिद्धिविनायक मंदिर - मुंबई में सिद्धिविनायक मंदिर देश के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है. यहां बॉलीवुड के मशहूर हस्तियों से लेकर बिजनेस टायकून तक दर्शन के लिए आते हैं. इस मंदिर में 3.7 किलोग्राम सोने की कोटिंग है.
- मीनाक्षी मंदिर - दक्षिण भारत के मदुरै में स्थित मीनाक्षी मंदिर देश के उन प्रसिद्ध मंदिरों में शामिल हैं जहां रोज 20-30 हजार भक्त दर्शन के लिए आते हैं.
- वैष्णो देवी मंदिर - भारत के जम्मू में स्थित मान्यता प्राप्त शक्ति पीठ मंदिरों में से एक वैष्णो देवी मंदिर की गिननी भारत के धनी मंदिरों में होती है.
किसको हर साल कितना दान मिलता है ?
- पद्मनाभ मंदिर - रिपोर्ट के अनुसार यहां सालाना 1000 करोड़ रुपए से ज्यादा का चढ़ावा आता है. साल 2023 में मंदिर की कुल संपत्ति 1,20,000 करोड़ रुपए बताई गई थी.
- तिरुपति बालाजी मंदिर - रिपोर्ट के मुताबिक यहां हर साल लगभग 650 करोड़ रुपए दान में आते हैं. मंदिर की कुल संपत्ति 10 टन से अधिक सोना और 15900 करोड़ रुपए की नकदी है
- शिरडी साईं बाबा मंदिर - हर साल 480 करोड़ रुपए का दान आता है. मंदिर की संपत्ति में 380 किलो सोना, 4428 किलो चांदी, डॉलर, पाउंड जैसी विदेशी मुद्राए बड़ी मात्रा में धन के साथ 1800 करोड़ रुपए जमा हैं.
- वैष्णो देवी मंदिर - एक रिपोर्ट के मुताबिक 500 करोड़ रुपये सालाना यहां के श्राइन बोर्ड को भक्तों के चंदे से मिलते हैं.
- सिद्धिविनायक मंदिर - रिपोर्ट के अनुसार हर साल 125 करोड़ रुपए का दान
- मीनाक्षी मंदिर - दान से मंदिर की सालाना कमाई करीब 6 करोड़ रुपए है.
मंदिर ट्र्स्ट को कहां-कहां से होती है कमाई?
पद्मनाभ स्वामी मंदिर - मंदिर में रोज 150,000 लड्डू रोज बनाए जाते हैं, जिससे मंदिर सालाना लगभग 1 करोड़ से अधिक होती है.
तिरुपति बालाजी मंदिर
- यहां मंदिर में भक्त अपने आराध्य के निमित्त बालों का दान करते हैं. तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ट्रस्ट हर दिन तालानिला (दान में मिले बाल)से करीब 1400 किलो बाल इक्ट्ठा करता है.
- ट्रस्ट साल में 4 से 5 बार बालों की नीलामी का आयोजन करता है. इसमें कलर या डाई किए बाल, सफेद बाल और काले बाल इत्यादि को अलग किया जाता है. उसके बाद उनकी नीलामी ग्रेड के आधार पर होती है.
- ट्रस्ट को बालों की नीलामी से करीब 150 करोड़ रुपए की इनकम होती है.
शिरडी साईं बाबा - यहां साईबाबा मंदिर ट्रस्ट को लड्डू प्रसाद की बिक्री से करोड़ों की कमाई होती है
तिरुपति मंदिर की कमाई का स्त्रोत (2024-25 का बजट)
मंदिर हुंडी (श्रद्धालुओं का चढ़ावा) | 1,611 करोड़ |
प्रसाद रसीदें | 600 करोड़ |
दर्शन | 338 करोड़ |
ट्रस्ट रसीदें | 85 करोड़ |
प्रकाशन | 35.25 करोड़ |
निवेश पर आय | 1,167 |
अर्जित सेवा | 150 करोड़ |
कल्याणमंडपम | 147 करोड़ |
कल्याणकट्टा रसीदें (बाल दान) | 151.50 करोड़ |
अन्य | 129 करोड़ |
ट्रस्ट इतने पैसे कहां-कहां खर्च करता है?
तिरुपति बाजाली मंदिर ट्रस्ट ये पैसे वेतन, सामग्री खरीद, कॉर्पस, इंजीनियरिंग पूंजीगत कार्य, रखरखाव, हिंदू धर्म प्रचार परिषद और अन्य आवंटन में खर्च करता है.
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