Rishi Panchami Shubh Muhurat 2021: हिंदू पंचाग (hindu calander) में भाद्रपद मास (bhadrapad month) के शुक्ल पक्ष की पंचमी को ऋषि पंचमी (rishi panchami) मनाई जाती है. वैसे हर साल गणेश चतुर्थी (ganesh chaturthi) के अगले दिन ही ऋषि पंचमी का पर्व मनाया जाता है. सनातन धर्म में ऋषि पंचमी का विशेष महच्व है. इस दिन सप्त ऋषियों (sapat rishi puja) की पूजा-अर्चना की जाती है. ऋषि पंचमी त्योहार नहीं बल्कि व्रत के रूप में मनाई जाती है. जाने-अनजाने हुई गलतियों और भूल से मुक्ति पाने के लिए लोग ये व्रत जरूर करते हैं. मान्यता है कि इस दिन जो भी व्यक्ति ऋषियों की पूजा-अर्चना और स्मरण करता है उन्हें पापों से मुक्ति मिल जाती है. कहते हैं हरतालिका तीज (hartalika teej) के दो दिन और गणेश चतुर्थी के एक दिन बाद ये पर्व मनाया जाता है. इस बार ये 11 सितंबर को मनाया जाएगा. आइए जानते हैं इस साल ऋषि पंचमी का पर्व का शुभ मुहूर्त और महत्व क्या है.
ऋषि पंचमी शुभ मुहूर्त (rishi panchami shubh muhurat)
ऐसा माना जाता है कि ऋषि पंचमी का व्रत करने से अगर किसी महिला से रजस्वला (महामारी) के दौरान अगर कोई भूल हो जाती है, तो इस व्रत को करने उस भूल के दोष को समाप्त किया जा सकता है. ऋषि पंचमी के व्रत और पूजा की खास बात ये है कि इसे करने के लिए किसी खास समय की जरूरत नहीं है. शुभ मुहूर्त 11 सितंबर सुबह 6 बजकर 7 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 12 सितंबर 6 बजकर 7 मिनट पर ही समाप्त होगा. ऋषि पंचमी के लिए पूरा दिन ही शुभ है. आप किसी भी समय पूजा आदि कर सकते हैं.
ऋषि पंचमी के करें इनकी पूजा (rishi panchami sapat rishi puja)
पारंपरिक रूप से ऋषि पंचमी के दिन सप्त ऋषियों की पूजा की जाती है. सप्त ऋषि मतलब सात ऋषि. इन सात ऋषियों के नाम हैं- ऋषि कश्यप, ऋषि अत्रि, ऋषि भारद्वाज, ऋषि विश्वमित्र, ऋषि गौतम, ऋषि जमदग्नि और ऋषि वशिष्ठ. कहते हैं सामज के उत्थान और कल्याण के लिए इन ऋषियों ने अपना सहयोग दिया था. उनके इस महत्वपूर्ण योगदान के प्रति सम्मान जताने के लिए ऋषि पंचमी के दिन व्रत और पूजा-अर्चना की जाती है.