Rishi Panchami 2019: तीन सितंबर को देश में ऋषि पंचमी का व्रत किया जाएगा. ये व्रत शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथी यानि की गणेश चतुर्थी के एक दिन बाद मनाया जाता है. इस बार इस व्रत का शुभ मुहूर्त सुबह 11:05 से लेकर 01:36 तक है. इस व्रत में महिलाएं सप्तऋषि की पूजा करती हैं. मान्यता है कि इस व्रत को करने से समस्त पापों का नाश हो जाता है. माना जाता है कि रजस्वला काल (माहवारी) में महिलाओं से कोई भूल हो जाती है तो इस व्रत को करने से उस भूल का दोष समाप्त हो जाता है.


जानें क्या है ऋषि पंचमी व्रत की कथा


इस व्रत के पीछे जो कथा बताई जाती है उसके अनुसार, एक ब्राह्मण की विधवा पुत्री जो उसके साथ ही रहती थी एक बार उसके शरीर पर चींटियां लग गई. जब ब्राह्मण ने इसके बारे में एक ऋषि को बताया. तब उन ऋषि ने कहा कि उनकी बेटी ने पिछले जन्म में रजस्वला काल के दौरान पाप किया था, जिसके कारण उसके शरीर पर चिटियां लग गई हैं. ऋषि ने उस ब्राह्मण कन्या को ऋषि पंचमी का व्रत करने की सलाह दी. जिसके बाद इस व्रत को करने से उसके सारे कष्ट दूर हो गए और अगले जन्म में सौभाग्य की प्राप्ति हुई.


एक दिन पहले मनाई जाएगी गणेश चतुर्थी


बता दें कि ऋषि पंचमी से एक दिन पहले गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है. इस बार चतुर्थी का पर्व 2 सितंबर को मनाया जाएगा. हिंदू मान्यता के अनुसार भादो मास के शुक्लपक्ष की चतुर्थी के दिन स्वाति नक्षत्र और सिंह लग्न में भगवान गणेश का जन्म हुआ था, इसी दिन को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है. इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त दोपहर 11:04 मिनट से 01:37 मिनट है. गणेश चतुर्थी को शिवा चतुर्थी और कलंक चतुर्थी भी कहा जाता है.


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