Rishi Panchami 2022: ऋषि पंचमी 1 सितंबर 2022 को है. भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ऋषि पंचमी मनाई जाती है. इस दिन सप्त ऋषि की पूजा की परंपरा है. ये व्रत पाप से मुक्ति पाने के लिए किया जाता है. मान्यता है कि जो महिलाएं इस दिन व्रत रखकर पूजा करती हैं उनके द्वारा जाने-अनजाने में हुए पाप खत्म हो जाते हैं. ऋषि पंचमी पर गंगा स्नान का विशेष महत्व है. आइए जानते हैं ऋषि पंचमी का मुहूर्त, दान और इस दिन क्या सावधानियां रखें
ऐसे करें ऋषि पंचमी की पूजा:
- पंचांग के अनुसार ऋषि पंचमी पूजन का शुभ मुहूर्त 1 सितंबर को प्रात: 11 बजकर 5 मिनट से दोपहर 1 बजकर 37 मिनट तक है. इ्स दिन सुबह सूर्योदय से पूर्व पवित्र नदी गंगा में स्नान करना उत्तम होता है, लेकिन वर्षा ऋतु के कारण नदियों का जलस्तर बढ़ा रहता है इसलिए घर में पानी में गंगाजल डालकर स्नान करें.
- शुभ मुहूर्त में पूजा स्थान पर गोबर से लेपन करें और चौकोर मंडल बनाकर उस पर सप्त ऋषि कश्यप, अत्रि, भारद्वाज, विश्वामित्र, गौतम, जमदग्नि, वसिष्ठ की स्थापना करें. षोडोपचार से पूजन करें. उन्हें पुष्ण, जनेऊ, मिठाई, फल चढ़ाए.
- पूरे साल में अगर कभी मासिक धर्म के दौरान धर्म से जुड़े कार्य में कोई गलती हुई हो तो महिलाएं उसके लिए क्षमा याचना करें और कथा पढ़ें.
ऋषि पंचमी पर न करें ये गलती
धार्मिक मान्यता के अनुसार व्रतधारी स्त्रियां ऋषि पंचमी के दिन जमीन में बोया अनाज ग्रहण न करें. इस व्रत में एक बार भोजन करने का विधान है. मोरधन, कंद, मूल का आहार कर व्रत करें. साथ ही ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए.
ऋषि पंचमी दान
ऋषि पंचमी के दिन व्रतधारी महिलाओं को सप्तऋषि की पूजा के बाद दान जरूर करना चाहिए, मान्यता है इससे व्रत का फल जल्द मिलता है. इस दिन किसी ब्राह्मण को केला, घी, शक्कर, केला का दान करें. साथ ही सामर्थ्य अनुसार दक्षिणा दें.
Rishi Panchami 2022: महिलाओं के लिए बहुत खास है ऋषि पंचमी का व्रत, जानें ये कथा
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.