Rog Panchak 2023: हिंदू धर्म में नए और शुभ कार्य से पहले मुहूर्त अवश्य देखा जाता है, कहते हैं ग्रहों और नक्षत्रों की अंतरिक्ष में स्थिति को देखकर शुभ और अशुभ मुहूर्त निर्धारित किए जाते हैं. जिस प्रकार शुभ मुहूर्त में किए काम सफल और समृद्धि लाते हैं वहीं अशुभ मुहूर्त में इसका प्रभाव उलटा पड़ता है, अशुभ मुहूर्त में नए कार्य प्रारंभ करने से कई तरह की समस्याएं पैदा होने लगती है. इन्हीं अशुभ मुहूर्त में से एक है पंचक यानी 5 अशुभ दिन.


पंचक में मांगलिक कार्य निषेध है, इसमें नया व्यापार, नौकरी में बदलाव आदि नहीं करना चाहिए. इस बार मार्च में इस साल का तीसरा पंचक लगने वाला है. आइए जानते हैं मार्च में पंचक कब से शुरू होगा और इस दौरान किन कार्यों को करने की मनाही है.


रोग पंचक 2023 कब से कब तक ? (Rog Panchak 2023 Start and End Date)


साल 2023 का तीसरा पंचक 19 मार्च 2023, रविवार को सुबह 11 बजकर 17 मिनट पर शुरू होंगे और इसका समापन 23 मार्च 2023 को दोपहर 02 बजकर 08 मिनट पर होगा. चैत्र नवरात्रि 22 मार्च से शुरू हो रही है, ऐसे में इस बार नवरात्रि के पहले दो दिन पंचक रहेगा. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार रविवार से शुरू होने वाला  पंचक रोग पंचक कहलाता है.



रोग पंचक में भूलकर भी न करें ये काम (Rog Panchak Significance)


रोग पंचक में हर तरह के मांगलिक कार्य करने की मनाही होती है. अपने नाम स्वरूप ये पांच दिन तक शारीरिक और मानसिक रूप से पीड़ा देने वाला माना गया है. ऐसे में रोग पंचक की अवधि में पांच दिन तक सेहत के प्रति लापरवाही न बरतें, क्योंकि इसके प्रभाव से बीमारियों का खतरा अधिक बढ़ सकता है.


पंचक में नहीं करना चाहिए ऐसे कार्य



  • पंचक के दौरान नई चारपाई, पलंग आदि नहीं बनवाने चाहिए और निबाड़ वाली चारपाई की बुनाई भी न करवाएं.

  • पांच दिन दक्षिण दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए, इसे यम की दिशा माना गया है.

  • घर की छत न डलवाएं, न ही घर का निर्माण कार्य शुरु करें. मान्यता है कि पंचक में बनवाए गए घर में अशांति का माहौल रहता है.


कब और कैसे लगता है ‘पंचक’


धनिष्ठा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद, रेवती और शतभिषा नक्षत्र पर जब चंद्रमा गोचर करता है, तब पंचक काल लगता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब चंद्रमा कुंभ और मीन राशि पर गोचर करता है तब पंचक लगते हैं. जिस दिन से पंचक शुरू होता है उसी के आधार पर पंचक का नाम तय होता है जैसे रविवार से शुरू होने वाला रोज पंचक कहलाता है, सोमवार के दिन होने वाले पंचक को राज पंचक कहते हैं. मंगलवार के दिन से शुरू हो रहा अग्नि पंचक कहलाता है, बुधवार और गुरुवार से शुरू होने वाले पंचक दोषमुक्त कहलता हैं यानी इन्हें अशुभ नहीं माना जाता. शुक्रवार को चोर पंचक और शनिवार से मृत्यु पंचक शुरू होता है.


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