अक्सर लोग बड़े लक्ष्यों को बनाकर आगे बढ़ते हैं. उनके प्रयासों में महत्वपूर्ण बातों में पूरी गंभीरता नजर आती है. उनकी तैयारी व्यवस्थित लगती है. सैद्धांतिक नजर आती है. उन्हें देखकर लगता है कि सफलता निश्चित ही जल्द प्राप्त हो जाएगी. लेकिन बहुत कम लोग ही सफल होते हैं. बड़ी संख्या में जुटे लोग सैद्धांतिक रूप से सही होकर भी निराशा पाते हैं.
लक्ष्य पूरे न होने का मूल कारण है बड़ी बातों के फेर में छोटी-छोटी आवश्यक तथ्यों को नजरअंदाज करना. इसे ठीक ऐसे समझो कि सैद्धांतिक रूप से शेर पृथ्वी का सबसे हिंसक जीव माना जाता है. वह घातक है. लक्ष्य पर हमलावर होता है तो सफलता का प्रतिशत बड़ा होता है. इसके साथ ही यह भी सच्चाई है कि दुनिया में सर्वाधिक मौतें मच्छर के काटने से होती हैं. कारण, हम उसे लेकर इतने संजीदा नहीं होते जितने बडे़ जीवों को लेकर रहते हैं.
दिनचर्या की शुरुआत, खानपान, जागना, सोना, संबंधों को निभाना, सेवा, सत्कार, सहायता और समझ से शिक्षा लेना ऐसे कमतर महत्व के नजर आने वाले कार्य भी सभी आवश्यक टाइम टेबल से ज्यादा महत्वपूर्ण हैं. महान लोगों के कार्य करने के ढंग को देखें जो हर छोटी बात को उतना ही महत्व देते थे जितना महत्वपूर्ण चर्चाओं और प्रसंगों को.
लोग अक्सर उक्त तथ्य को नजरअंदाज कर तय ढांचे में सफलता पा लेना चाहते हैं. ऐसी सफलता निश्चित कार्य के लिए कुछ हद तक कारगर हो सकती है लेकिन संपूर्ण जीवनचर्या के लिए प्रभावशाली नहीं मानी जा सकती है.