Safalta ki kunji : महामारी, मंदी के दौर में अजीविका के साधन बढ़ाना सहज नहीं है. ऐसे में बड़े निवेश के बावजूद कारोबार डूब जाए या नौकरी छूट जाए तो मानो पहाड़ टूट पड़ता है, लेकिन कुछ तरीके अपनाकर ऐसी मुश्किलों से राहत पाई जा सकती है. आमतौर पर चाहे नौकरी हो या कारोबार जब काम शुरू होता है तो उसकी खामियां और जटिलताएं न सिर्फ हमारा मनोबल तोड़ती हैं, बल्कि असफलता के अंधेरे में धकेलने लगती हैं, इनसे निजात के लिए कुछ उपाय बेहद कारगर हो सकते हैं और इन चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए जरूरी साधन आपके पास जरूरी होने चाहिए. जैसे तरक्की के लिए कैसे कारोबार की शुरुआत की जाए या नौकरी में बढ़ोतरी के लिए काम में कैसे बदलाव किए जाएं.
इन तरीकों से समझें कैसे करें विकास
- पहले यह जानना और समझना जरूरी है कि क्या खुद में उद्यमी या बेहतर नौकरीपेशा बनने की संभावनाएं हैं, अगर हां तो प्राथमिक क्षेत्र क्या हो सकता है.
- अपनी योग्यता और क्षमता का सही आकलन करे. यह मान लें कि जो भी आप करने जा रहे हैं, उसमें प्रतिद्वंद्वी से बेहतर आपके पास क्या है या क्या दे सकते हैं.
- नौकरी या बिजनेस में फेल हो गए तो बैकअप प्लान क्या है. दूसरे विकल्पों के लिए आपके पास क्या योग्यता या साधन मौजूद हैं.
- कारोबार शुरू करने से पहले कितनी पूंजी या साधन की जरूरत है. एक हद तक आपके लिए रिस्क ले पाने की क्षमता का सही आकलन करना चाहिए.
- 'कर लेंगे, हो जाएगा' यह तरीका भारी नुकसानदेह होगा. गलत या आलस संबंधी आदतों की अनदेखी पैरों पर कुल्हाड़ी मारने जैसा है.
- कारोबार आपका खुद है, जिसके आप नौकर ही नहीं, सभी विभागों के चौथे दर्जे के कर्मचारी भी हैं. ऐसे में सुबह देर तक सोना या जल्द ऑफिस छोड़ देना जैसी आदतें आपके लिए गंभीर समस्याएं बन सकती हैं. इनसे बचें.
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