Sai Baba Vrat: गुरुवार को साईं बाबा के व्रत की शुरुआत कैसे करें, जानें उद्यापन विधि
Sai Baba, Thursday vrat Puja: गुरुवार का दिन साईं बाबा को समर्पित हैं. जानते हैं कि साईं बाबा का व्रत कितने गुरुवार तक करें और क्या है पूजन और उद्यापन विधि
Sai Baba, Thursday vrat Puja: गुरुवार का दिन साईं बाबा को समर्पित हैं. साईं बाबा के लिए सभी भक्त समान हैं, उन्होंने कभी जाति, धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया. जो सच्चे मन से साईं की भक्ति करता है कहते हैं उसके समस्त कष्टों का निवारण हो जाता है. साईं का मात्र नाम जपने से ही मुरादें पूर्ण हो जाती है लेकिन गुरुवार के दिन साईं बाबा का व्रत रखने से वो अपने भक्तों पर विशेष कृपा बरसाते हैं. नान्यता है कि गुरुवार को साईं बाबा का व्रत रखने से बिगड़े काम बन जाते हैं. आइए जानते हैं कि साईं बाबा का व्रत कितने दिन तक करें और क्या है पूजन विधि
साईं बाबा माह कि किसी भी गुरुवार से शुरु किया जा सकता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार विशेष मनोकामना पूर्ति के लिए साईं बाबा का 9 गुरुवार तक लगातार व्रत रखना शुभ होता है. व्रत को शुरु करते समय 5,7,9, 11 या 21 व्रत का संकल्प लें. मन्नत के गुरुवार पूर्ण होने पर व्रत का उद्यापन करें. व्रतधारी विधिवत गुरुवार व्रत का उद्यापन करने के बाद इस दिन गरीबों को भोजन जरुर कराएं और सामर्थ्य अनुसार दान दें. गरीबों की सेवा से साईं बाबा बहुत जल्दी प्रसन्न होते हैं.
साईं बाबा का व्रत कब शुरू करना चाहिए?
- गुरुवार को साईं बाबा का व्रत सच्ची श्रृद्धा के साथ करें. गुरुवार व्रत का फल तभी मिलता है जब सच्चे मन से साईं बाबा की भक्ति की जाए.
- साईं बाबा के व्रत में मन की शांति बहुत जरूरी है. ऐसे में दूसरों के प्रति द्वेष की भावना न रखें. वरना पूजा के सकारात्मक परिणाम नहीं मिलेंगे.
- साईं बाबा के व्रत को निर्जल नहीं रखा जाता. ये व्रत अपनी क्षमतानुसार करें. इसमें साईं की आराधना के बाद फलाहार या एक समय भोजन भी कर सकते हैं.
- किसी कारणवश गुरुवार का व्रत छूट जाए या न कर पाए तो उसे गिनती में न लें. अगले गुरुवार को व्रत जारी रखें.
- व्रत में बाबा को जो प्रसाद को भोग लगाया है उसे दूसरों में जरुर बांटे. अगर प्रसाद बच जाए तो फेंके नहीं गाय, कुत्ते या किसी अन्य पशु को खिला दें.
गुरुवार पूजा विधि
- साईं बाबा की पूजा बेहद सादगी और सरलता से की जाती है. गुरुवार के दिन प्रात: काल स्नानादि के बाद साईं बाबा के समक्ष व्रत का संकल्प लें.
- पीले रंग के वस्त्र धारण करे बाबा की पूजा करें क्योंकि पीला रंग साईं को अधिक प्रिय है.
- पूजा स्थान पर एक चौकी पर पीला कपड़ा बिछाएं. उस पर साईं बाबा की तस्वीर स्थापित करें.
- बाबा को रोली, चावल और पीले फूल चढ़ाएं. घी का दीपक लगाकर साईं बाबा के व्रत की कथा पढ़ें.
- साईं नाथ को पीलें रंग की मिठाई जैसे बेसन के लड्डू का भोग लगाएं. खिचड़ी का भोग साईं बाबा को अति प्रिय है.
- अब आरती कर प्रसाद सभी लोगों में बांट दें. इस दिन का विशेष महत्व है. अन्न, वस्त्र का गरीबों को दान कर सकते हैं.
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