Premanand Ji Maharaj Vachan: प्रेमानंद जी महाराज एक महान संत और विचारक हैं जो जीवन का सच्चा अर्थ समझाते और बताते हैं. प्रेमानंद जी के अनमोल विचार जीवन को सुधारने और संतुलन बनाएं रखने में मार्गदर्शन करते हैं.


प्रेमानंद जी महाराज से एक 7 वर्ष के बालक ने सवाल किया और पूछा कि महाराज आप इतने बड़े संत कैसे बने. इस पर प्रेमानंद जी महाराज का कहना है कि अगर आप बड़े यानि भगवान के हो जाओ को आप भी बड़े बन जाओगे. सबसे बड़े कृष्ण भगवान हैं. तो संत प्रेमानंद जी महाराज खुद को कृष्ण भगवान का चेला कह रहे हैं. 


प्रेमानंद जी महाराज बताते हैं कि लोहा फुटपाथ पर पड़ा ठोकर खा रहा था. पारस मणि ने छु दिया तो सोना बनकर देवताओं के मुकुट में लग गया, तो यह लोहे की महिमा नहीं है यह पारस पणि की महिमा है जो संसार में जीव अनंत जन्मों से भटक रहे थे, भगवान ने उन्हें अपनी शरण में ले लिया. 



 


इतने बड़े भगवान ने हमे अपना लिया और स्वीकार कर लिया, भगवान के हम दास हैं और वह हमारे स्वामी है. वो इतने बड़े हैं, कि बड़े का सेवक बड़ा होता है. जिस प्रकार अगर स्वामी कार में चलेंगे तो उनके सवेक भी उसी कार में चलेंगे. तो प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि हमारे स्वामी का संपूर्ण जगत में यश है, तो सेवक का भी उन्ही के साथ यथ है. यह सब स्वामी से जुड़ने के कारण है.


बच्चे के सवाल पर प्रेमानंद जी महाराज ने कहा कि अगर आप भी कृष्ण जी को मान लेंगे और उनको अपने मन में बसा लेंगे तो आप भी बड़े हो जाएंगे.


Premanand Ji Maharaj: क्या अपनों के प्रति मोह और आसक्ति भजन मार्ग में बाधा हैं? जानें प्रेमानंद जी महाराज के अनमोल वचन


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