(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Sakat Chauth 2022: सकट चौथ का व्रत कब है? जानें सकट चौथ को और किन नामों से जाना जाता है
Sakat Chauth 2021 Names: सकट चौथ का व्रत माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन रखा जाता है. इस साल सकट चौथ 21 जनवरी के दिन मनाई जाएगी.
Sakat Chauth 2021 Names: सकट चौथ का व्रत (Sakat Chauth Vrat 2022) माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी (Magh Month Chaturthi) के दिन रखा जाता है. इस साल सकट चौथ 21 जनवरी (Sakat Chauth 21st January) के दिन मनाई जाएगी. इस दिन भगवान श्री गणेश की पूजा (Ganesh Ji Vrat) और व्रत आदि किया जाता है. कहते हैं कि सकट चौथ का व्रत (Sakat Chauth Vrat) रखने से संतान और परिवार सुरक्षित रहता है. इतना ही नहीं, सकट चौथ के व्रत से जीवन में आ रही सभी समस्याओं से छुटकारा मिलता है.
विघ्नहर्ता गणेश जी की कृपा से व्यक्ति के जीवन में किसी कार्य में कोई बाधा नहीं आती और सुख-समृद्धि का वास होता है. देश के अलग-अलग हिस्सों या राज्यों में सकट चौथ को अलग-अलग नामों से जाना जाता है. लेकिन इनका एक ही उद्देश्य है. भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करना. आइए जानते हैं सकट चौथ के अलावा देशभर में इसे और किन-किना नामों से जाना जाता है.
सकट चौथ को कई नामों से जाना जाता है (Different Name Of Sakat Chauth 2022)
संकटा चौथ: शास्त्रों के अनुसार सकट चौथ को संकटा चौथ के नाम से भी जाना जाता है. जैसा की इसके नाम से समझ आ रहा होगा. विघ्नहर्ता गणेश जी भक्तों के सभी संकट दूर करते हैं इसलिए इसे संकटा चौथ के नाम से जाना जाता है.
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लंबोदर संकष्टी चतुर्थी: दोनों पक्षों की चतुर्थी गणेश जी को समर्पित होती है. हर माह की चतुर्थी को अलग-अलग नामों से जाना जाता है. माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को लंबोदर संकष्टी चतुर्थी के नाम से जानते हैं.
माघी चौथ: माघ मास में पड़ने वाली चतुर्थी को माघी चौथ के नाम से भी जाना जाता है. चौथ के दिन भगवान गणेश जी की पूजा उपासना की जाती है और जीवन से सारी बाधाएं दूर करने की प्रार्थना करते हैं.
तिलकुटा चौथ: धार्मिक दृष्टि से सकट चौथ के दिन गणेश जी की पूजा के बाद उन्हें तिल से बने खाद्य पदार्थों का भोग लगाया जाता है, इसी कारण इसे तिलकुटा चौथ, तिलकुट चतुर्थी और तिल चौथ आदि के नाम से भी जानते हैं.
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सकट चौथ का महत्व
ग्रंथों के अनुसार सभी संकष्टी चतुर्थी व्रतों में सकट चौथ या संकटा चौथ सबसे महत्वपूर्ण है. इस दिन व्रत रखने से सुख, सौभाग्य की प्राप्ति होती है और इस दिन व्रत रखने से सभी सकंटों का नाश होता है. इसलिए इसका महत्व और अधिक बढ़ जाता है. कहते हैं कि सकट चौथ का व्रत रखने से गणेश जी प्रसन्न होते हैं और वे बिना किसी बाधा के लोगों के सभी कार्य सफल करने का आशीर्वाद देते हैं.
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