Sakat Chauth Vrat 2021: 31 जनवरी को है सकट चौथ, ऐसे करें गणेश का पूजन और दें चंद्रमा को अर्घ्य
संकष्टी चतुर्थी अर्थात् सकट चौथ 31 जनवरी को है. माघ माह कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को सकट चौथ मनाई जानी है. स्त्री-पुरुष परिजनों के कल्याण के लिए गणपति की पूजा आराधना करते हैं.
संकष्टी चतुर्थी प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष चतुर्थी को मनाई जाती है. इसमें माघ माह की सकट चौथ का विशेष महत्व माना गया है. इसमें तिल और गुड़ से हौम किया जाता है. माताएं संतान के लिए भगवान गणेश का पूजन करती हैं.
31 जनवरी रविवार को संकष्टी चतुर्थी में चंद्रोदय 8 बजकर 40 मिनट पर होगा, इस कारण सकट चतुर्थी रविवार को मनाई जाएगी. चतुर्थी तिथि रविवार को शाम 8 बजकर 24 मिनट से आरंभ होकर अगले दिन यानि 1 फरवरी को शाम 6 बजकर 24 मिनट तक रहेगी. ऐसे में चंद्रोदय की स्थिति 31 जनवरी को ही बनेगी.सकट चतुर्थी में गणेश पूजा के साथ चंद्र को अर्घ्य दिया जाता है. गणेश जी को पीत वस्त्र पहना कर और प्रतिमा स्थापित कर पूजन किया जाता है. पूरा दिन उपवास और यज्ञादि के बाद शाम को गणेश पूजन उपरांत चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का पारण किया जाता हैं.
शिव कथाओं के अनुसार पार्वती के उबटन से बने गणेश जी घर पर पहरा दे रहे थे. उसी समय शिवजी वहां पधारे, पार्वती स्नानागार में थीं, शिव जी को गणेश जी ने घर में प्रवेश से रोका, इस पर भोलेनाथ और गणेश जी में भयंकर युद्ध हुआ. क्रोध में शिवजी ने त्रिशूल से बाल गणेश का सिर धड़ से अलग कर दिया. गणेश की चीत्कार से पार्वती बाहर आईं और सारा दृश्य देखकर दुःखी हो गईं. शिव जी से पुत्र को जीवित करने का आग्रह करने लगीं. इस पर नंदी ने एक दूसरे उलट दिशा में सो रहे हथिनी के शिशु के सिर को लाकर शिवजी को दिया. हाथी के शिशु के सर को गणेश जी के धड़ से लगाकर शिवजी ने उन्हें जीवित किया.