Sankashti Chaturthi 2022: साल की आखिरी संकष्टी चतुर्थी पर 3 दुर्लभ योग बन रहे हैं, इन उपायों से दूर होंगे सारे विघ्न
Sankashti Chaturthi 2022: अखुरथ संकष्टी चतुर्थी का व्रत 11 दिसंबर 2022 को है. साल की आखिरी संकष्टी चतुर्थी पर अति दुर्लभ योग का संयोग बन रहा है. जानते हैं संकष्टी चतुर्थी का मुहूर्त, शुभ योगपूजा विधि.
Akhurath Sankashti Chaturthi 2022: पौष माह के कृष्ण पक्ष की अखुरथ संकष्टी चतुर्थी का व्रत 11 दिसंबर 2022 को रखा जाएगा. ये दिन बुद्धि, विद्या और ज्ञान के दाता भगवान गणपति को समर्पित है. सनातन धर्म में गणपति जी को प्रथम पूज्य माना गया है. इनकी आराधना से जीवन के सारे विघ्न खत्म हो जाते हैं. इस साल की आखिरी संकष्टी चतुर्थी पर अति दुर्लभ योग का संयोग बन रहा है. शास्त्रों के अनुसार इन योग में गणपति की पूजा और कुछ विशेष उपाय करने से धन, वैभव, बुद्धि और समृद्धि में वृद्धि होगी. आइए जानते हैं संकष्टी चतुर्थी का मुहूर्त, शुभ योग और पूजा विधि.
अखुरथ संकष्टी चतुर्थी 2022 मुहूर्त (Sankashti Chaturthi 2022 Muhurat)
पौष माह कृष्ण चतुर्थी तिथि शुरू - 11 दिसंबर 2022, शाम 04:14
पौष माह कृष्ण चतुर्थी तिथि समाप्त - 12 दिसंबर 2022, शाम 06:48
चंद्रोदय समय - रात 08:11 (11 दिसंबर 2022)
- ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 05:17 - सुबह 06:11
- अभिजित मुहूर्त - सुबह 11:59 - दोपहर 12:41
- गोधूलि मुहूर्त - शाम 05:32 - शाम 05:59
- अमृत काल - शाम 05:55 - शाम 07:42
अखुरथ संकष्टी चतुर्थी 2022 शुभ योग (Sankashti Chaturthi 2022 Shubh Yoga)
साल की आखिरी संकष्टी चतुर्थी पर रवि पुष्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, ब्रह्म योग का संयोग बन रहा है. सोने पर सुहागा यह है कि रवि पुष्य योग के साथ सर्वार्थ सिद्ध योग भी बन रहा है जो सोना, वाहन खरीदने और नया काम शुरू करने के लिए बहुत ही शुभ माना गया है. ये तीनों ही योग हर कार्य में सफलता प्रदान करते हैं.
- रवि पुष्य योग - 11 दिसंबर, 08.36 शाम - 12 दिसंबर, शाम 07.06
- सर्वार्थ सिद्धि योग - 11 दिसंबर, 08.36 शाम - 12 दिसंबर, शाम 07.06
- ब्रह्म योग - 11 दिसंबर, सुबह 04.26 - 12 दिसंबर, सुबह 05.15
अखुरथ संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि (Sankashti Chaturthi Puja vidhi)
- इस दिन सूर्योदय से पूर्व स्नान के बाद पीले या हरे रंग के वस्त्र धारण करें और व्रत का संकल्प लें
- जहां पूजा करनी है वहां गंगाजल छिड़कें. पूजा की चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर गणपति जी की मूर्ति स्थापित करें.
- गणेश जी को दूर्वा, नारियल, पुष्प, रोली, मौली, कुमकुम, सिंदूर, धूप, दीप, जनेऊ, अबीर, गुलाल, भोडल, मोदक, पंचमेवा, मूंग के लड्डू, पान, अर्पित करें.
- संकष्टी चतुर्थी व्रत की कथा पढ़ें, गणपति के सिद्ध मंत्रों का जाप करें. फिर आरती कर दें.
अखुरथ संकष्टी चतुर्थी उपाय (Sankashti Chaturthi Upay)
- संकष्टी चतुर्थी के दिन गणपति जी को 21 मोतीचूर के लड्डू अर्पित करने के बाद गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करना बहुत फलदायी माना गया है. इससे अटका हुआ धन और संपन्नता आती है. अटका हुआ पैसा भी वापस मिल जाता है.
- आर्थिक स्थिति कमजोर है और कर्ज चुकाने में समस्या आड़े आ रही हैं तो संकष्टी चतुर्थी के तीन बत्तियों वाला दीपक लगाएं और ऊं गं गौं गणपते विघ्न विनाशिने स्वाहा का इक्कीस माला जाप करें. मान्यता है इससे बाधाओं से मुक्ति मिलेगी और जल्द कर्ज चुकता कर पाएंगे.
- जिन लोगों की स्मरण शक्ति कमजोर हैं वह इस दिन विधिवत गणेश रुद्राक्ष धारण कर सकते हैं. मान्यता है ये मनुष्य के विवेक को जगाता है और बढ़ाता है. वहीं इससे बुध ग्रह को भी मजबूती मिलती है.
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