Sankashti Chaturthi: गणेश जी भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र हैं. गणेश जी का जन्म भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को मध्याह्न के समय हुआ था. गणेश जी के स्वरुप की बात करें तो इनका स्वरूप बहुत ही मनोहर एवं मंगलदायक है. गणेश जी एकदन्त और चतुर्बाहु हैं और अपने चारों हाथों में पाश, अंकुश, मोदकपात्र और वरमुद्रा धारण किए हुए हैं. गणेश जी रक्तवर्ण, लम्बोदर, शूर्पकर्ण तथा पीतवस्त्रधारी हैं. उन्हें रक्त चन्दन को धारण करना प्रिय है.गणेश जी को अग्रपूज्य, गणों के ईश, स्वस्तिकरूप तथा प्रणवस्वरूप भी माना गया है.
गणेश जी के प्रमुख नाम
वैसे तो गणेश जी के कई नाम हैं. लेकिन गणेश 12 नामों को प्रमुख माना गया है जो इस प्रकार हैं.
1- सुमुख
2- एकदंत
3- कपिल
4- गजकर्णक
5- लंबोदर
6- विकट
7- विघ्न-नाश
8- विनायक
9- धूम्रकेतु,
10- गणाध्यक्ष
11- भालचंद्र
12- गजानन
संकष्टी चतुर्थी का मुहूर्त
11 अप्रैल, शनिवार- संकष्टी(विकट) चतुर्थी
चतुर्थी तिथि प्रारम्भ - 10 अप्रैल, समय: 21 बजकर 31 बजे
चतुर्थी तिथि समाप्त - 11 अप्रैल, समय: 19 बजकर 01 बजे
संकष्टी के दिन चन्द्रोदय - 22 बजकर 31 मिनट
संकष्टी के दिन चन्द्रोदय - 22:31, चतुर्थी तिथि के दौरान कोई चन्द्रोदय नहीं है.
11 अप्रैल को मनाई जाएगी संकष्टी चतुर्थी, भगवान गणेश की होगी पूजा