Sankashti Chaturthi 2020: भाद्रपद मास की संकष्टी चतुर्थी बहुत ही विशेष मानी गई है. भाद्रपद मास में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था. श्रीकृष्ण को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है. 7 अगस्त पंचांग के अनुसार आज चंद्रमा कुंभ से मीन राशि में प्रवेश में करेगा. आज सूर्य कर्क राशि में गोचर कर रहे हैं. भाद्रपद मास चतुर्मास का दूसरा मास होता है. इस मास में पूर्णिमा की तिथि के बाद पड़ने वाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है.


पूजा विधि
संकष्टी चतुर्थी के दिन व्रत रखकर भगवान गणेश जी की पूजा अर्जना करना विशेष फलदायी माना गया है. संकष्टी चतुर्थी का दिन भगवान गणेश जी को समर्पित है. जो व्यक्ति आज के दिन भगवान गणेश जी की स्तुति करता है विधि पूर्वक पूजा करता है उसे सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिल जाती है. आज के दिन सुबह स्नान करने के बाद गणेश जी की पूजा करनी चाहिए. इस दिन भगवान गणेश जी की प्रिय चीजों का भोग लगाना चाहिए. इस दिन गणेश मंत्र का जाप करना उत्तम फलदायी माना गया है. संकष्टी चतुर्थी के दिन सूर्योदय के समय से लेकर चन्द्रमा उदय होने के समय तक व्रत रखा जाता है.


विघ्नहर्ता है गणेश जी दूर करते हैं कष्ट
किसी भी कार्य को आरंभ करने से पहले सर्वप्रथम गणेश जी की पूजा की जाती है. इन्हें सभी देवताओं में प्रथम पूजनीय माना गया है. गणेश जी को बल, बुद्धि और विवेक प्रदान करने वाला माना गया है. गणेश जी अपने भक्तों के सभी प्रकार के विघ्न यानि बाधा को दूर करते हैं. इसीलिए इन्हें विघ्नहर्ता भी कहा जाता है. जिन लोगों के जीवन में कोई कष्ट हैं उनके लिए संकष्टी चतुर्थी की पूजा विशेष परिणाम देने वाली मानी गई है, क्योंकि संकष्टी का अर्थ ही संकट को हरने वाली चतुर्थी है.


संकष्टी चतुर्थी पर चंद्रोदय का समय
चतुर्थी तिथि प्रारम्भ: 7 अगस्त को 12:14 AM
चतुर्थी तिथि समाप्त: 8 अगस्त को 02:06 AM
संकष्टी के दिन चन्द्रोदय: 09:38 PM


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