Ganesha Sankashti Chaturthi June 2021: पंचांग के अनुसार 27 जून 2021, रविवार का दिन महत्वपूर्ण है. इस दिन विघ्नहर्ता की पूजा का विशेष योग बन रहा है. इस दिन आषाढ़ मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी है. इस चतुर्थी की तिथि को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है. इस दिन गणपति बप्पा की विधि पूर्वक पूजा करने से जीवन में आनी वाले विघ्न यानि परेशानियां दूर होती हैं. 


पौराणिक मान्यता के अनुसार आषाढ़ मास की कृष्ण पक्ष की संकष्टी चतुर्थी को कृष्णपिंगाक्ष भी कहते हैं. इस दिन भगवान गणेश जी के कृष्णपिंगाक्ष अवतार की पूजा की जाती है. कृष्णपिंगाक्ष का अर्थ सांवला, धुआं और नेत्र से है.


का चौथा महीना, योगिनी और देवशयनी एकादशी कब हैं जानें, डेट और शुभ मुहूर्त


रविवती संकष्टी चतुर्थी
आषाढ़ मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी जब रविवार के दिन पड़ती है तो इसे रविवती संकष्टी चतुर्थी भी कहा जाता है. पंचांग के अनुसार 27 जून को रविवार का दिन है. इस दिन सूर्य देव की उपासना भी महत्वपूर्ण मानी गई है.


गणेश संकष्टी चतुर्थी पूजा की विधि
चतुर्थी की तिथि पर प्रात: काल स्नान करने के बाद व्रत और पूजा की तैयारी आरंभ करनी चाहिए. स्नान करने के बाद पूजा आरंभ करें. व्रत का विधि पूर्वक संकल्प लें. गणेशी को उनकी प्रिय चीजों का भोग लगाएं. मोदक, लड्डू और दूर्वा घास का प्रयोग पूजा में अवश्य करें. ये सभी चीजें गणेश जी को अधिक प्रिय हैं. गणेश आरती और गणेश मंत्रों का जाप करें. गणेश संकष्टी का व्रत नियम पूर्वक पूर्ण करना चाहिए. तभी इसका पूर्ण लाभ प्राप्त होता है. संकष्टी का व्रत चंद्र दर्शन तक रखा जाता है. इसके बाद व्रत का विधि पूर्वक समापन करना चाहिए. और प्रसाद आदि का वितरण करना चाहिए.


संकष्टी चतुर्थी, शुभ मुहूर्त (Sankashti Chaturthi 2021Date)
कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी:  27 जून 2021, रविवार
आषाढ़ मास कृष्ण पक्ष चतुर्थी तिथि आरंभ: 27 जून 2021 शाम 03 बजकर 54 मिनट से 
आषाढ़ मास कृष्ण पक्ष चतुर्थी तिथि समाप्त: 28 जून 2021 दोपहर 02 बजकर 16 मिनट पर
संकष्टी के दिन चन्द्रोदय: 27 जून 2021 10 बजकर 03 मिनट पर


यह भी पढ़ें:


Chanakya Niti: सच्चा मित्र जीवन में तोहफे से कम नहीं होता है, इन बातों से दोस्ती होती है कमजोर, रखें ध्यान