Sankashti Chaturthi 2022 Mantra: हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह में दो चतुर्थी तिथि पड़ती है. कृष्ण पक्ष की चतुर्थी संकष्टी चतुर्थी और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी विनायक चतुर्थी कहलाती है. दोनों ही चतुर्थी तिथि भगवान श्री गणेश को समर्पित होती है. इस दिन भगवान गणेश की पूजा का विधान है.संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी का अर्थ होता है- संकटों को हरने वाली. मान्यता है कि जो व्यक्ति संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी व्रत करता है, उसके जीवन में चल रही सभी समस्याओं का समाधान निकलता है.संकष्टी के दिन पूरे दिन व्रत रखा जाता है और शाम को चंद्रमा की पूजा करने के बाद ही व्रत खोला जाता है. सावन माह की गजानन संकष्टी चतुर्थी के दिन विघ्नहर्ता श्री गणेश जी के मंत्रों का जाप करके आप उनको प्रसन्न कर सकते हैं. आइए जानें इस दिन कौन से मंत्रों का जाप करें.
संकष्टी चतुर्थी पर करें इन गणेश मंत्रों का जाप
1. वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥
2. गणपूज्यो वक्रतुण्ड एकदंष्ट्री त्रियम्बक:।
नीलग्रीवो लम्बोदरो विकटो विघ्रराजक:।।
3. एकदन्तं महाकायं लम्बोदरगजाननम्ं।
विध्ननाशकरं देवं हेरम्बं प्रणमाम्यहम्॥
4. नमामि देवं सकलार्थदं तं सुवर्णवर्णं भुजगोपवीतम्ं।
गजाननं भास्करमेकदन्तं लम्बोदरं वारिभावसनं च॥
5. ॐ सुमुखाय नमः
6. ॐ दुर्मुखाय नमः
7. ॐ मोदाय नमः
8. ॐ प्रमोदाय नमः
9. ॐ अविघ्नाय नमः
10. ॐ विघ्नकरत्र्येय नमः
11. कृपा करो गणनाथ
प्रभु-शुभता कर दें साथ।
रिद्धि-सिद्धि शुभ लाभ
प्रभु, सब हैं तेरे पास।।
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