Sankashti Chaturthi July 2022: कर्क संक्रांति के बाद रखें संकष्टी चतुर्थी व्रत, पूरी होगी हर इच्छा
Sankashti Chaturthi Vrat July 2022: इस बार संकष्टी चतुर्थी कर्क संक्रांति के बाद पड़ रही है. धार्मिक दृष्टि से इस गणेश चतुर्थी का महत्व और बढ़ जाता है.
Sankashti Chaturthi Vrat July 2022 Shubh Muhurt: चतुर्थी तिथि ( Chaturthi Tithi 2022) माह में दो बार आती है. हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi 2022) कहते हैं. जबकि शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी कहते हैं. संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi Vrat 2022) में भगवान गणेश की पूजा (Lord Ganesh Puja) की जाती है. भगवान गणेश के पूजन से भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है. सावन माह की संकष्टी चतुर्थी का व्रत (Sankashti Chaturthi 2022 Vrat ) 17 जुलाई को रखा जाएगा.
पंचांग के अनुसार, संकष्टी चतुर्थी के एक दिन पहले सूर्य का कर्क राशि में गोचर (Surya Gochar 2022) हो रहा है अर्थात 16 जुलाई को सूर्य देव मिथुन राशि से निकलकर कर्क राशि में प्रवेश करेंगे. सूर्य के कर्क राशि में गोचर से कर्क संक्रांति (Kark Sankranti) का निर्माण होगा. इस दिन सूर्य पूजा बहुत ही लाभदायी होती है. हिन्दू धर्म में कर्क संक्रांति के दिन सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है. वहीं संकष्टी चतुर्थी में गणेश भगवान की पूजा आराधना की जाती है.
संकष्टी चतुर्थी व्रत पूजा और कर्क संक्रांति पूजा मुहूर्त
पंचांग के मुताबिक, सूर्य कर्क राशि में 16 जुलाई दिन शनिवार को रात में 10 बजकर 50 मिनट पर गोचर (Surya Gochar) करेंगे. जबकि सावन कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 16 जुलाई, शनिवार को दोपहर 1 बजकर 27 मिनट से शुरू हो रही है और चतुर्थी तिथि (Chaturthi 2022 Tithi) का समापन अगले दिन यानी 17 जुलाई को सुबह 10 बजकर 49 मिनट पर है. ऐसे में कर्क संक्रांति, चतुर्थी तिथि में ही हो रही है जो कि धार्मिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है. उदया तिथि के आधार पर संकष्टी चतुर्थी का व्रत कर्क संक्रांति के अगले दिन 17 जुलाई को रखा जाएगा.
संकष्टी चतुर्थी का महत्व (Sankashti Chaturthi 2022 Importance )
धार्मिक मान्यता के अनुसार, संकष्टी चतुर्थी का व्रत (Sankashti Chaturthi 2022 Vrat) रखने से भगवान गणेश (Lord Ganesh) प्रसन्न होते हैं और भक्तों के जीवन की सारी विघ्न और बाधाएं दूर करते हैं. कर्क संक्रांति (Kark Sankranti) में सूर्य देव की पूजा करने और उन्हें अर्घ्य देने से व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है.
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