पौराणिक मान्यताओं के अनुसार शनिवार का दिन न्यायाधीश एवं दंडाधिकारी शनिदेव को विशेष प्रिय होता है. इस दिन शनिदेव की पूजा का विधान है. कहा जाता है कि इस दिन उनके पूजन से शुभ फल की प्राप्ति होती है. बुरे दिन खत्म होते हैं.
धार्मिक लोकाचार में शनिवार से जुड़ी कई सर्वमान्य मान्यताएं हैं. इन्हें हर आस्थावान व्यक्ति मानता है. शनिदेव के सामने दुनिया का प्रत्येक अमीर और गरीब नतमस्तक होता है. ऐसा माना जाता है कि संसार में जितनी भी बुरी स्थितियां और दुर्घटनाएं होती हैं. उनके मूल में शनिदेव की वक्र दृष्टि होती है. अगर शनिदेव प्रसन्न हैं तो सब कुछ ठीक चलता है.
उनकी बुरी दृष्टि पड़ने लगी तो जीवन की गाड़ी पटरी से उतर जाती है. लोग मुसीबत में फंस जाते हैं. लोगों को खासतौर पर शनिवार के दिन कुछ चीजें न ही घर पर लानी चाहिए और न ही खरीदनी चाहिए ताकी वे शनिदेव के कोप से बचे रहें. आइए जानते हैं कौन सी हैं वे बातें जिनका शनिवार को ध्यान रखना अनिवार्य है.
लोहे की वस्तुओं न खरीदें
शनिवार को लोहा कभी नहीं खरीदना चाहिए. प्रत्येक व्यक्ति इस दिन लोहा खरीदने से बचता है. शनिवार को न तो लोहा खरीदना चाहिए न ऐसी वस्तु खरीदनी चाहिए जिसमें लोहा लगा हो. इस दिन लोहा खरीदने से दुर्घटना हो सकती है. शनिदेव के क्रोध का सामना करना पड़ सकता है. शनिदेव शनिवार को लोहा दान करने से बहुत प्रसन्न होते हैं.
ब्रह्मचर्य का पालन करें
शनिवार और मंगलवार को खासतौर से किसी भी व्यक्ति को दैहिक संबंध स्थापित कभी नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से शनिदेव क्रोधित हो जाते हैं. वास्तव में शनिदेव अध्यात्म और धर्म के देवता हैं.
पादुकाएं घर न लाएं
शनिवार के दिन जूते और चप्पल आदि भी नहीं खरीदना चाहिए. इन्हें इस दिन पहली बार घर तो लाना ही नहीं चाहिए. इससे भी शनिदेव नाराज हो जाते हैं. इस दिन जूते और चप्पल आदि को दान करने से शनिदेव बहुत प्रसन्न होते हैं.