(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Shani Mantra: शनिवार को शनि देव की कृपा पाने के लिए इन मंत्रों का जाप है जरूरी, शनि देव की कुदृष्टि होगी दूर
Saturday Shani Dev Mantra: शास्त्रों के अनुसार शनिदेव भगवान श्री कृष्ण (Lord Shri Krishna) के अन्नय भक्त हैं. इसलिए श्री कृष्ण की पूजा करने वालों पर शनिदेव अपनी कुदृष्टि नहीं डालते.
Shani Dev Mantra: न्याय के देवता शनिदेव को शनिवार (Saturday Shanidev Puja) का दिन समर्पित है. इस दिन शनिदेव की पूजा (Shani Dev Puja) करने से उन्हें प्रसन्न कर उनकी कृपा पाई जा सकती है. शनिदेव का कर्मफलदाता भी कहा जाता है. कहते हैं कि व्यक्ति के अच्छे-बुरे कर्मों के अनुसार ही उन्हें फल देते हैं. जब किसी जातक पर शनि की साढ़े साती, शनि ढैय्या या फिर शनि दशा खराब होती है तो जातक मानसिक, शारीरिक और आर्थिक रूप से परेशान रहता है.
ऐसा माना जाता है कि शनिवार के दिन सच्ची श्रद्धा और भक्ति से शनिदेव की पूजा करने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. शास्त्रों के अनुसार शनिदेव भगवान श्री कृष्ण (Lord Shri Krishna) के अन्नय भक्त हैं. इसलिए श्री कृष्ण की पूजा करने वालों पर शनिदेव अपनी कुदृष्टि नहीं डालते. शनिवार को शनिदेव की पूजा करने समय कुछ नियमों (Shanidev Puja Rules) का पालन जरूरी है. इस दिन कई चीजों का खरीदना मना है. शनिवार के दिन शविदेव की कृपा पाने के लिए पूजा के साथ-साथ अगर उनके मंत्रों का जाप भी कर लिया जाए, तो जीवन के सभी दुख दूर हो जाते हैं और घर में सुख-समृद्धि आती है. साथ ही, कहते हैं कि शनि की कुदृष्टि से छुटकारा मिलता है.
1. शनि महामंत्र
ॐ निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।
छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥
2. शनि दोष निवारण मंत्र
ऊँ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम।
उर्वारुक मिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात।।
3. शनि का पौराणिक मंत्र
ऊँ ह्रिं नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।
छाया मार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।।
4. शनि का वैदिक मंत्र
ऊँ शन्नोदेवीर-भिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तुनः।
5. शनि गायत्री मंत्र
ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्।
ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये।शंयोरभिश्रवन्तु नः।
6. सेहत के लिए शनि मंत्र
ध्वजिनी धामिनी चैव कंकाली कलहप्रिहा।
कंकटी कलही चाउथ तुरंगी महिषी अजा।।
शनैर्नामानि पत्नीनामेतानि संजपन् पुमान्।
दुःखानि नाश्येन्नित्यं सौभाग्यमेधते सुखमं।।
7. तांत्रिक शनि मंत्र
ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।
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