शनिवार का दिन शनि देव (Shani Dev) को प्रसन्न करने के लिए उत्तम होता है. मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से शनि देव की पूजा-अर्चना करने और उपासना करने से व्यक्ति की शनि देव की कृपा प्राप्त होती है. इतना ही नहीं व्यक्ति पर चल रही कुदृष्टि के प्रभाव भी कम हो जाते हैं. धार्मिक मान्यता है कि व्यक्ति के अच्छे-बुरे कर्मों के अनुसार ही शनि देव फल देते हैं. अच्छे कर्म करने वालों पर शनि देव कृपा बरसा देते हैं. वहीं, दूसरों को परेशान और बुरे कर्म करने वालों को दंडित करते हैं. 


शनि देव की प्रकोप से इंसान के साथ-साथ देवता भी खूब कांपते हैं. ऐसा माना जाता है कि शनिवार के दिन सच्चा श्रद्धा और मन से पूजा आदि करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. मान्यता है कि शनिदेव भगवना श्री कृष्ण के अन्नय भक्त हैं. इसलिए कृष्ण जी की पूजा से शनि संबंधी दोषों से मुक्ति मिलती है. शनिवार के दिन शनिदेव की कृपा पाने के लिए इनके इन मंत्रों का जाप अवश्य करें. 


1. सेहत के लिए शनि मंत्र


ध्वजिनी धामिनी चैव कंकाली कलहप्रिहा।


कंकटी कलही चाउथ तुरंगी महिषी अजा।।


शनैर्नामानि पत्नीनामेतानि संजपन् पुमान्।


दुःखानि नाश्येन्नित्यं सौभाग्यमेधते सुखमं।।


2. तांत्रिक शनि मंत्र


ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।


3. ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्‌।


उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्।।


4. शनि महामंत्र


ॐ निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।


छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥


5. शनि दोष निवारण मंत्र


ऊँ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम।


उर्वारुक मिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात।।


6. शनि का पौराणिक मंत्र


ऊँ ह्रिं नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।


छाया मार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।।


7. शनि का वैदिक मंत्र


ऊँ शन्नोदेवीर-भिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तुनः।


8. शनि गायत्री मंत्र


ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्।


ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये।शंयोरभिश्रवन्तु नः।


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