Shanidev Puja: हिंदी पंचांग में हर महीने का अपना खास महत्व होता है. आषाढ़ मास 25 जून से प्रारंभ हो चुका है जो कि 24 जुलाई तक रहेगा. आषाढ़ का महीना धार्मिक कार्यों के दृष्टि बहुत शुभ फलदायी होता है. इस माह में देवशयनी एकादशी से भगवान विष्णु पाताल लोक जाकर आराम करेंगे. इनके पाताल लोक में जाने के साथ ही साथ सभी मांगलिक कार्य स्थगित कर दिए जाते हैं. इसलिए आषाढ़ का महीना बहुत ही लाभदायी होता है. यह माह भगवान विष्णु को समर्पित होता है. इनकी विधि पूर्वक उपासना करने से भक्त की मनोकामना पूरी होती है.


ज्योतिषों के अनुसार यदि आपकी कुंडली में शनिदोष, साढ़ेसाती और ढैय्या की समस्या है तो आषाढ़ के महीने में कुछ उपायों को करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है और शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति मिलती है.  आइये जानें आषाढ़ मास में किये जाने वाले उपाय


शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या


ज्योतिष शास्त्र की गणनाओं के अनुसार, जुलाई 2021 में शनिदेव मकर राशि में विराजमान हैं और व्रकी चाल चल रहे हैं. जिसके कारण धनु, मकर और कुंभ राशि के जातकों पर शनि की साढ़ेसाती एवं  मिथुन और तुला राशि के लोगों पर ढैय्या चल रही हैं. इससे मुक्ति पाने के लिए शनिवार के दिन शनिदेव की पूरे विधि -विधान से पूजा करनी चाहिए.



मंगलवार और शनिवार के दिन हनुमान की पूजा अर्चना करके हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए. मान्यता है कि हनुमान जी की आरती और चालीसा का नियमित पाठ करने से शनि दोष का प्रभाव कम होता है.


धार्मिक मान्यता है कि शनिवार के दिन सुंदरकांड करने से भगवान श्रीराम के अनन्य भक्त हनुमान की कृपा भक्त पर होती है. इससे शनि का दोष कम होता है.