Sawan Shivratri: सावन में शिवजी की पूजा का विशेष योग बन रहा है. आने वाले तीन दिन भगवान शिव को समर्पित रहेंगे. 18 जुलाई यानि शनिवार को प्रदोष व्रत है. जिसे शनि त्रयोदशी और शनि प्रदोष के नाम से भी जाना जाता है. इसके बाद 19 जुलाई को मासिक शविरात्रि का पावन पर्व है और 20 जुलाई को सावन का पवित्र सोमवार है.
शिव भक्त इस संयोग का पूरा लाभ लेने के लिए अभी से तैयारियों में जुट गए हैं. वैसे तो सावन का पूरा महीना ही भगवान शिव को समर्पित है, लेकिन लगातार तीन दिनों तक भगवान शिव की स्तुति का बना रहा है ये विशेष संयोग बहुत ही शुभ माना जा रहा है.
पंचांग के अनुसार 18 जुलाई को प्रात: 9 बजकर 01 मिनटके बाद चंद्रमा वृषभ राशि से निकल कर मिथुन राशि में आ जाएंगे. चंद्रमा भगवान शिव के मस्तक पर विराजते हैं. इस दिन शिव जी की पूजा करने से चंद्रमा से पीड़ित लोगों को विशेष लाभ प्राप्त होगा. इस दिन की पूजा चंद्रमा की अशुभता को दूर करने में सहायक होगी.
18 जुलाई, प्रदोष व्रत
18 जुलाई को चातुर्मास का दूसरा प्रदोष व्रत है. प्रदोष व्रत का पौराणिक कथाओं में विशेष महत्व बताया गया है. इस व्रत की पूजा सुबह और शाम दोनों समय करने का विधान है. इस दिन भगवान शिव का अभिषेक किया जाता है. मान्यता है कि इस व्रत को रखने से हर प्रकार की बाधाएं दूर होती है. जीवन में सुख समृद्धि आती है. मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव त्रयोदशी तिथि में शाम के समय कैलाश पर्वत पर स्थित अपने रजत भवन में नृत्य करते हैं. इस दिन भगवान शिव प्रसन्न होते हैं.
19 जुलाई, मासिक शिवरात्रि
मासिक शिवरात्रि प्रत्येक माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है. इस दिन व्रत रखकर भगवान शिव की पूजा की जाती है. इस दिन भगवान शिव का अभिषेक करने से कई प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है. भगवान शिव को कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का स्वामी माना गया है. इस दिन भगवान शिव की पूजा के साथ शिव परिवार की पूजा करने से अतिशुभ फल प्राप्त होते हैं. मासिक शिवरात्रि का व्रत रखने से व्यक्ति को काम, क्रोध, लोभ, मोह आदि के बंधन से मुक्त हो जाता है और शत्रुओं पर विजय प्राप्त करता है.
20 जुलाई, सावन सोमवार
सावन मास में सोमवार के दिन की जाने वाली पूजा को विशेष फलदायी माना गया है. सावन की पूजा से भगवान शिव बहुत जल्द प्रसन्न होते हैं. इसलिए भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए. ऐसा करने से जीवन में सुख और शांति बनी रहती है. पंचांग के अनुसार इस दिन अमावस्या की तिथि है. सावन का तीसरा सोमवार धर्म कर्म की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है.