Sawan 2021 Putrada Ekadashi: एकादशी तिथि व्रत को हिंदू धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है, जो कि भगवान विष्णु को समर्पित होता है. एकादशी तिथि हर महीने में दो बार होती है. सावन मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुत्रदा एकादशी कहते हैं. इस बार सावन पुत्रदा एकादशी का व्रत 18 अगस्त को रखा जाएगा. इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की विधि पूर्वक उपासना करते हैं. मान्यता है कि पुत्रदा एकादशी व्रत रखने व पूजा करने से भगवान विष्णु भक्तों को संतान प्राप्ति का वरदान देते हैं. आइये जानते है व्रत के नियम व पूजा विधि.


पुत्रदा एकादशी का शुभ मुहूर्त



  • पुत्रदा एकादशी व्रत प्रारंभ: 18 अगस्त 2021 दिन बुधवार,  रात  03 बजकर 20 मिनट से

  • पुत्रदा एकादशी व्रत समापन : 19 अगस्त 2021 दिन गुरुवार, रात  01 बजकर 05 मिनट तक

  • पुत्रदा एकादशी पारण का समय : 19 अगस्त 2021 दिन गुरुवार, सुबह 06 बजकर 32 मिनट से सुबह 08 बजकर 29 मिनट तक



सावन पुत्रदा एकादशी पूजा विधि


व्रत के दिन प्रातःकाल सूर्योदय के पूर्व स्नान कर घर के मंदिर में जाकर व्रत का संकल्प लें. अब पूरे विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा व आरती करें. इसके बाद भगवान विष्णु को पीला फल, पीले पुष्प, पंचामृत, तुलसी आदि अर्पित करें. पुनः धूप दीप जलाकर आरती करें. तथा भगवान से संतान प्राप्ति की मन्नतें मांगे. ध्यान रहे संतान प्राप्ति केलिए यह व्रत पति-पत्नी दोनों एक साथ रखें और भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा करें. भगवान कृष्ण को पंचामृत बहुत पंसद है इसलिए इसका भोग लगाना शुभ माना जाता है.


व्रत के नियम: जिस दिन से एकादशी तिथि लग जाये उस दिन से चावल नहीं खाना चाहिए.एकादशी व्रत में रात्रि का जागरण उत्तम माना जाता है. एकादशी के दिन विधि-विधान से पूजा करें और शुभ मुहूर्त में व्रत का पारण करें. उसके बाद गरीब जरूरत मंद ब्राह्मण को भोजन कराकर ही भोजन करें.