Bhimashankar Jyotirlinga: भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग में महादेव ने दिलाई थी देवताओं को इस राक्षस से मुक्ति, रोचक है मंदिर का ये रहस्य
Sawan 2022, Bhimashankar Jyotirlinga: 12 ज्योतिर्लिंग की महिमा अपरंपार है. इन्हीं में से एक है भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग. आइए जानते हैं भोलेनाथ के इस धाम का नाम कैसे पड़ा भीमाशंकर.
Sawan 2022, Bhimashankar Jyotirlinga: सावन खत्म होने में अब कुछ ही दिन बचे हैं. 12 अगस्त को सावन का आखिरी दिन है इसके बाद भादो मास लग जाएगा. सावन में शिव शंभू के ज्योतिर्लिंग का नाम मात्र जाप से ही महादेव प्रसन्न हो जाते हैं और भक्तों की सभी मुरादें पूरी करते हैं. 12 ज्योतिर्लिंग की महिमा अपरंपार है. इन्हीं में से एक है भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग. आइए जानते हैं भोलेनाथ के इस धाम का नाम कैसे पड़ा भीमाशंकर.
भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग की रोचक बातें:
- महाराष्ट्र के पुणे के पास सह्याद्रि पर्वत पर स्थित भीमाशंकर मंदिर को द्वादश ज्योतिर्लिंग में छठा स्थान प्राप्त है. इस शिव धाम में स्थापित शिवलिंग का आकार बहुत विशाल और मोटा है, इसलिए इसे मोटेश्वर महादेव भी कहते हैं.
- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार त्रेतायुग में यहां शिव जी और त्रिपुरासुर राक्षस के युद्ध से इतनी गर्मी उत्पन्न हुई कि उससे भीमा नदी सूख गई. शंकर जी के पसीने से बाद में ये नदी फिर से भर गई.
महादेव ने यहीं किया था कुंभकर्ण के पुत्र का वध
शिवपुराण में भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग की महिमा का वर्णन किया है. पौराणिक कथा के अनुसार रावण के भाई कुंभकर्ण के पुत्र भीमा का जन्म अपने पिता की मृत्यु के बाद हुआ था. जब उसे ये पता चला कि उसे पिता का वध भगवान राम ने किया है तो उसने बदले की भावन उत्पन्न हो गई. राम से युद्ध आसान न था लिहाजा उसने कठोर तपस्या कर ब्रह्मा जी को प्रसन्न किया. ब्रह्मा जी ने उसे विजयी होने का वरदान दिया.
ऐसे पड़ा भीमाशंकर नाम
भीमा राक्षस वरदान पाकर अत्यंत ताकतवर बन गया और अपनी असुर शक्ति का इस्तेमाल कर लोगों को नुकसान पहुंचाने लगा. भीमा के अत्याचार से चारों तरफ त्राहि-त्राहि मच गई. न सिर्फ आम जन बल्कि उसके आतंक से देवतागण भी परेशान हो गए थे. अंत में सभी भोलेनाथ से मदद मांगी. भगवान शिव ने यहां युद्ध कर भीमा का वध कर दिया. इसके बाद सभी देवताओं ने महादेव से इसी स्थान पर शिवलिंग रूप में निवास करने को कहा. शिव ने देवताओं की बात मान ली, तब से ही इस स्थान को भीमाशंकर के नाम से जाना जाता है.
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