Mangla Gauri Vrat 2022: सावन का पहला मंगला गौरी व्रत आज, अखंड सौभाग्य के लिए 3 शुभ योग में इस विधि से करें पूजा
Mangla Gauri Vrat 2022: सावन का पहला मंगला गौरी व्रत 19 जुलाई 2022 को है. जानते हैं इस दिन कौन से तीन शुभ योग बन रहे हैं. इस विधि से करें मां मंगला की पूजा और उपाय
Mangla Gauri Vrat 2022: सावन माह में सोमवार के साथ हर मंगलवार का भी विशेष महत्व है. इस पावन महीने के हर मंगलवार को मां मंगला गौरी का व्रत रखा जाता है. विवाहित महिलाएं अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए इस दिन देवी पार्वती की विधि विधान से पूजा करती हैं. सावन का पहला मंगला गौरी व्रत आज यानी 19 जुलाई 2022 (First mangla gauri vrat 2022) को है. इस दिन तीन शुभ योग भी बन रहे हैं जिससे इस व्रत की महत्ता और बढ़ गई है.
सावन मंगला गौरी व्रत 2022
- 19 जुलाई- पहला मंगला गौरी व्रत
- 26 जुलाई- दूसरा मंगला गौरी व्रत
- 02 अगस्त- तीसरा मंगला गौरी व्रत
- 09 अगस्त- चौथा मंगला गौरी व्रत
मंगला गौरी व्रत 2022 योग
- सिद्धि योग-19 जुलाई 2022, 5.35 AM से 12.12 PM तक
- रवि योग- 19 जुलाई 2022, 05.35 AM से 12.12 PM तक
- सुकर्मा योग- 19 जुलाई 2022, 01.44 PM से शुरू होकर पूरी रात
क्यों किया जाता है मंगला गौरी व्रत
मां मंगला गौरी व्रत पर सुहागिन महिलाएं अपने पति दीर्धायु और घर की सुख-शांति, संतान प्राप्ति के लिए देवी पार्वती की पूजा करती हैं. अच्छे जीवनसाथी को पाने के लिए कुंवारी कन्याएं भी इस दिन व्रत रखती हैं. कहते हैं इस व्रत के प्रभाव से संतान से जुड़ी समस्याएं भी दूर होती हैं. मान्यता है कि समस्त मनोकामना पूर्ति के लिए ये व्रत बहुत लाभकारी माना जाता है. साथ ही इस दिन शुभ योग में देवी पार्वती की पूजा से हर कार्य सिद्ध हो जाते हैं.
मंगला गौरी व्रत पूजन विधि
- सूर्योदय से पूर्व स्नान के बाद साफ कपड़े पहनकर निराहार व्रत का संकल्प लें.
- अब पूजा घर में साफ सफाई के बाद चौकी पर एक लाल कपड़ा बिछा लें और उसपर मां मंगला गौरी की फोटो स्थापित करें.
- अब मां पार्वती को कुमकुम, सिंदूर, लाल पुष्प, इत्र, चावल, धूप, दीप, नैवेद्य, लौंग, इलायची, नारियल, सोलह श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करें.
- मां मंगला गौरी को भोग लगाकर कथा पढ़ें और फिर आरती कर शाम के समय व्रत का पारण करें.
मंगला गौरी व्रत उपाय
- अविवाहित लड़कियां इस दिन 'ओम गौरी शंकराय नमः' जाप करें. साथ ही व्रत रख सुंदरकांड का पाठ करें. मान्यता है कि ऐसा करने से विवाह की अड़चने दूर होती है और मंगल की शुभता प्राप्त होती है.
- शादी में बाधा आ रही हो तो इस दिन मिट्टी के खाली पात्र को नदी में प्रवाहित कर दें. इससे जल्द ही विवाह के योग बनेंगे.
- इस दो मुट्ठी मसूर दाल एक लाल कपड़े में बांधकर किसी जरूरतमंद या भिखारी को दान करने से मांगलिक दोष के प्रभाव कम होते हैं.
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