Sawan 2022 Rudrabhishek: सोमवार यानी भगवान भोलेनाथ का दिन. हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल सावन मास 14 जुलाई 2022 गुरुवार से शुरू हो रहा है जो 12 अगस्त को समाप्त होगा. सावन के पूरे महीने में भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है. सावन के महीने में रुद्राभिषेक का खास महत्व होता है. मान्यता है कि शिव के रुद्र रूप को रुद्राभिषेक बहुत प्रिय है.भगवान भोलेनाथ का सावन में रुद्राभिषेक करने से कई तरह की पीड़ा खत्म हो जाती है. ग्रह दोषों से भी मुक्ति मिलती है. आइए बताते हैं आपको किन वस्तुओं से किया जाता है भगवान शिव का रुद्राभिषेक.


रुद्राभिषेक की सामग्री:


जल


शास्त्रों के अनुसार जल द्वारा रुद्राभिषेक करने से भगवान भोलेनाथ भक्तों को मनोवांछित फल का वरदान देते हैं.इससे अपार धन की प्राप्ति होती है.जल में अगर गंगाजल मिलाया जाए तो ये बहुत शुभ होता है.इससे मोक्ष की प्राप्ति होती है.


दूध


सावन सोमवार के दिन दूध से शिवजी का रुद्राभिषेक करना चाहिए.भक्तिभाव से शिव की आराधना करें.इससे भगवान भोलेनाथ उनकी खाली झोली भर देते हैं और उनकी संतान प्राप्ति की मनोकामना पूरी करते हैं.


दही


ऐसी मान्‍यता है कि अगर भगवान शिव का अभिषेक दही से किया जाए तो आपके काम में आ रही बाधाएं दूर होती है और आपको हर प्रकार की कार्य सिद्धि का आशीर्वाद प्राप्‍त होता है.


शहद


भोलेनाथ की प्रिय वस्तु में से एक है शहद.इससे रुद्राभिषेक करना शिव को प्रसन्न करना है.शहद से शिवजी का रुद्राभिषेक करने से व्‍यक्ति को सम्‍मान और उच्च कोटी का दर्जा प्राप्त होता है.


गन्ने का रस


यदि आप धन हानि से गुजर रहे हैं या हाथ में पैसा नहीं रुक रहा तो सावन के माह में गन्ने के रस से शिवजी का रुद्राभिषेक करें.इससे आपको सफल परिणाम मिलने लगेंगे.


घी


मान्‍यता है कि घी से रुद्राभिषेक करने से आपको अच्‍छी सेहत का वरदान प्राप्त होता है.अगर आप लंबी बीमारी से जूझ रहे हैं तो सावन के महीने में घी से रुद्राभिषेक करना चाहिए. इससे आपके स्वास्थ में धीरे-धीरे सुधार आने लगेगा.


इत्र


भगवान शिव को इत्र बहुत पसंद है.इत्र से रुद्राभिषेक करने से आपके जीवन में शांति स्‍थापित होती है.नींद न आने की समस्या दूर होती है.


सरसों का तेल


मान्‍यता है कि सावन में सरसों के तेल से रुद्राभिषेक करने से शनि की अशुभ दशा में राहत मिलती है.शत्रुओं से छुटकारा भी मिलता है.


रुद्राभिषेक में इन नियमों का रखें ख्याल:



  • रुद्राभिषेक, भगवान शिव के मंदिर या घर में भी किया जा सकता है.घर पर शिवलिंग को उत्तर दिशा में रखें और भक्त का मुख पूर्व की तरफ होना चाहिए.

  • अभिषेक के लिए जिन सामग्री का वर्णन किया है उन्हें शिवलिंग पर अर्पित करें.

  • शिव जी का अभिषेक करते समय महामृत्युंजय मंत्र, शिव तांडव स्तोत्र, ओम नम: शिवाय या फिर रुद्रामंत्र का जप करते रहें.

  • अभिषेक के बाद भगवान शिव को चंदन, पान, बेलपत्र चढ़ाएं और उनका श्रृंगार करें. व्यंजन का भोग लगाने के बाद आरती करें.


पूरे घर में अभिषेक के जल का छिड़काव करें. मान्यता है कि ऐसा करने से सभी रोग दूर होते हैं.इसके बाद अभिषेक के जल को तुलसी या किसी अन्य पौधे में डाल दें.


Shiv Nandi: नंदी के कानों में मनोकामना कहने के पीछे है ये वजह, ऐसे शिव जी के प्रिय बने नंदी


Fumigation Benefit: धूनी में डालें ये 6 खास चीजें, घर में बनी रहेगी बरकत