Sawan 2022 Solah Somwar Vrat: महादेव का प्रिय महीना सावन चल रहा है. शिव जी को सावन के हर दिन समर्पित है. सावन सोमवार के साथ 16 सोमवार व्रत सावन से शुरू करना अति उत्तम माना गया है. इसे संकट सोमवार व्रत भी कहा जाता है. महिलाएं 16 सोमवार का व्रत विशेष कामना पूर्ति के लिए करती हैं. आइए जानते हैं इस व्रत की शुरुआत किसने की थी, सोलह सोमवार व्रत की पूजन सामग्री और पूजा विधि.


किसने शुरू किया था सोलह सोमवार व्रत (Who started Solah somwar vrat ?)


पौराणिक मान्यता है कि देवी पार्वती ने महादेव को पाने के लिए सोलह सोमवार के व्रत की शुरुआत की थी. सती के दूसरे रूप में मां पार्वती ने जन्म लिया था. हर जन्म में भोलेनाथ को अपना पति बनाने का प्रण लिया था. यही वजह है कि सोलह सोमवार का व्रत कर रखकर कठिन तपस्या की थी और एक बार पुनः भगवान शिव को प्राप्त कर लिया था.


सोलह सोमवार व्रत पूजन सामग्री (Solah somwar vrat samagri)


सोलह सोमवार व्रत में शिवलिंग का विधिविधान से अभिषेक करें. इसके लिए दूध, दही, गंगाजल, घी, शहद, शक्कर, बेलपत्र, धूप, दीप, धतूरा, इत्र, पुष्प, सफेद चंदन, रोली, अष्टगंध, सफेद वस्त्र, गन्ने का रस, मां पार्वती की श्रृंगार सामग्री, फल, मिठाई आदि.


सोलह सोमवार व्रत पूजन विधि (Solah somwar vrat puja vidhi)



  • सूर्योदय से पूर्व पानी में काले तिल डालकर स्नान करें. साफ वस्त्र धारण करें और फिर शिव जी के समक्ष 16 सोमवार व्रत का संकल्प लें.

  • व्रत का संकल्प लेने के लिए हाथ में पान का पत्त, सुपारी, जल, अक्षत और कुछ सिक्के लेकर शिव जी के इस मंत्र का जाप करें. ऊं शिवशंकरमीशानं द्वादशार्द्धं त्रिलोचनम्। उमासहितं देवं शिवं आवाहयाम्यहम्॥

  • 16 सोमवार का पूजन शाम के समय प्रदोष काल में किया जाता है. घर में पूजा कर रहे हैं तो एक तांबे के पात्र में शिवलिंग रखें और गंगाजल में गाय का दूध मिलाकर अभिषेकर करें. षडोपचार विधि से भगवान शिव का पूजन करें.

  • ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप भगवान भोलेनाथ को पंचामृत अर्पित करें. उन्हें सफेद चंदन लगाएं. सोलह सोमवार की बताई गई सामग्री शिव जी और मां पार्वती को अर्पित करें.

  • पूजा के समय महामृत्युंजय मंत्र, शिव चालीसा का पाठ करें. धूप, दीप लगाकर सोमवार व्रत की कथा पढ़ें.

  • सोलह सोमवार की पूजा में भगवान शिव को चूरमें का भोग लगाना चाहिए. इसके लिए आधा सेर गेहूं के आटे से चूरमा बनाएं और उसमें घी-गुड़ मिलाकर शिव जी अर्पित करें. खीर का भोग भी लगा सकते हैं.

  • परिवार सहित शंकर जी की आरती करें. सभी में प्रसाद बांटने के बाद खुद भी ग्रहण करें. ध्यान रहे प्रति सोमवार एक ही समय और जहां पूजा की है उसी स्थान पर प्रसाद ग्रहण करना चाहिए.


सोलह सोमवार व्रत के नियम (Solah somwar vrat rules)



  • सोलह सोमवार का व्रत श्रावण के साथ चैत्र, मार्गशीर्ष और वैशाख मास के पहले सोमवार से शुरु कर सकते हैं.  सोलह सोमवार की पूजा दिन के तीसरे पहर में 4 बजे के आस- पास शुरू करनी चाहिए. सूर्यास्त से पहले पूजन संपूर्ण हो जाना चाहिए इस तरीके से पूजन मुख्य रूप से फलदायी माना जाता है.

  • हर उम्र और वर्ग के व्यक्ति इस व्रत को कर सकते हैं लेकिन कठिन नियम के चलते सोलह सोमवार का व्रत उन्हें ही करना चाहिए जो क्षमता रखता हो. जब तक 16 सोमवार के पूरे व्रत संपन्न न हो जाएं मांसाहार भोजन का सेवन नहीं किया जाता.

  • सोलह सोमवार व्रत बहुत कठिन माना जाता है. विवाहित महिलाएं पति की दीर्धायु के लिए, संतान प्राप्ति के लिए, कुंवारी अच्छे वर प्राप्ती के लिए सोलह सोमवार का व्रत करती हैं. सोलह सोमवार के व्रत में ब्रह्मचर्य नियम का जरुर पालन करें.


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