Sawan 2022 Special Somnath Jyortirling History: सावन का पावन महीना 14 जुलाई 2022 यानी आज से शुरु हो गया है. शिव जी के स्वरूप अद्भुत हैं. शिवपुराण में भगवान भोलेनाथ के 12 ज्योतिर्लिंग (12 Jyotirling) का वर्णन किया गया है, जहां शिव स्वंय प्रकट हुए थे. कहते हैं सावन में इन ज्योतिर्लिंग के नामों का जाप करने से व्यक्ति के समस्त पापों का नाश हो जाता है. देश के प्रमुख बारह ज्योतिर्लिंग में सोमनाथ मंदिर (somnath mandir) भगवान शिव का पहला ज्योतिर्लिंग माने जाते हैं. आइए जानते हैं सोमनाथ ज्योतिर्लिंग से जुड़ी जानकारी.


चंद्रदेव से जुड़ा है सोमनाथ ज्योतिर्लिंग का संबंध


सोमनाथ मंदिर गुजरात के काठियावाड़ के प्रभास क्षेत्र में स्थित है. सोमनाथ ज्योतिर्लिंग समुद्र किनारे स्थापित है. पौराणिक कथा के अनुसार शिव के इस पावन धाम का संबंध चंद्रदेव से हैं. दक्ष प्रजापति की 27 कन्याएं चंद्रदेव की पत्नियां थी. चंद्रदेव अपनी सभी पत्यियों में से सबसे ज्यादा प्रेम रोहिणी से करते थे. वो बहुत सुंदर थी. चंद्रदेव के इस कृत्य से दक्ष प्रजापति की बाकी पुत्रियां रोहिणी से घृणा करने लगीं. सभी ने अपनी व्यथा पिता को सुनाई.


इसलिए कृष्ण पक्ष में चंद्रमा की प्रकाश होता है कम


अपनी पुत्रियों को दुखी पाकर दक्ष प्रजापति ने क्रोधित होकर चंद्रमा को श्राप दे दिया कि उनका प्रकाश प्रतिदिन कम होता जाएगा. श्राप से मुक्ति पाने के लिए चंद्रमा को ब्रह्ममाजी ने प्रभास क्षेत्र में भगवान शिव की आराधना और तपस्या करने को कहा. चंद्रमा की कठिन तपस्या से खुश होकर भगवान भोलेनाथ ने उन्हें मिले श्राप को खत्म कर दिया और कहा कि एक पक्ष में चंद्रमा तुम्हारी कला प्रतिदिन क्षीण होगी और दूसरे पक्ष में निरंतर बढ़ेगी. भगवान भोलेनाथ की कृपा पाकर चंद्रदेव ने उनसे सोमनाथ में वास करने की प्रार्थना की. भगवान शिव ने उनकी प्रार्थना स्वीकार कर ली और तभी से वो देवी पार्वती के साथ यहां विराजमान हैं.


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