Sawan 2022 Start Shubh Yoga: साल 2022 में सावन 14 जुलाई 2022 से शुरु होकर 12 अगस्त तक रहेगा यानी कि इस बार श्रावण मास 29 दिन का होगा. सावन माह शिव जी को समर्पित हैं. इस बार सावन की शुरुआत दो शुभ योग के साथ हो रही है. मान्यता है कि शुभ योग में पूजा का महत्व दो गुना बढ़ जाता है. आइए जानते हैं किस दो योग में शुरु होगा सावन और भगवान भोलेनाथ को क्यों इतना प्रिय है श्रावण मास.


सावन की शुरुआत दो शुभ योग में होगी (Sawan 2022 Start Shubh Yoga)


आषाढ़ मास की पूर्णिमा यानी की गुरु पूर्णिमा के अगले दिन 14 जुलाई 2022 को सावन महीने का आरंभ है. इस दिन विष्कुभं और प्रीति योग बन रहे हैं. मान्यता है कि ये दो योग शिव जी की भक्ति के लिए बहुत फलदायी होते हैं. सावन में इन योग में देवों के देव महादेव का रुद्राभिषेक करने से समस्त दुखों का नाश हो जाता है. हर बिगड़े काम बनते हैं.


भगवान शिव को क्यों प्रिय है सावन ? (Why lord shiva likes sawan month)


भगवान शिव ने पीया था विष


पौराणिक कथा के अनुसार सावन में समुद्र मंथन हुआ था. सृष्टि की रक्षा हेतु मंथन से निकले विष को भगवान भोलेनाथ पी गए थे. उनका कंठ नीला पड़ गया था. इसी कारण उनका नीलकंठ नाम पड़ा. समस्त देवी-देवताओं ने शिव जी राहत पहुंचाने और विष के प्रभाव को कम करने भगवान शिव पर शीतल जल अर्पित किया. तभी से शिव जी को जल बहुत प्रिय हैं. सावन में भोलेभंडारी का जलाभिषेक करने से वे प्रसन्न होते हैं.


देवी पार्वती से विवाह


भगवान भोलेनाथ की अर्धांगिनी देवी सती ने शिव जी को हर जन्म में पति के रूप में पाने के लिए तपस्या की थी. माता सती का दूसरा जन्म पार्वती के रूप में हुआ था. देवी पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए सावन के माह में कठोर तप किया था. कहते हैं कि शिव जी ने इसी माह में देवी पार्वती से विवाह किया था. इसलिए भगवान भोलेनाथ को सावन का माह बहुत प्रिय हैं. माना जाता है कि इस माह में शिव जी अपने सुसराल आए थे. तब उनका अभिषेक कर स्वागत हुआ था.


Mauna Panchami: सावन के पहले सोमवार पर बन रहा है मौना पंचमी का योग, जानें क्या है व्रत का महत्व


Sawan 2022 Lucky Plants: सावन में शिव के प्रिय 5 पौधे जरूर घर में लगाएं, धन का होगा आगमन


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.