Sawan 3rd Somwar: बेहद अद्भुत है सावन के तीसरे सोमवार पर बना संयोग, कन्याओं को पूजा से मिलगा मनचाहा वर
Sawan 2022 Third Somvar Date: धार्मिक मान्यता है कि सावन सोमवार को व्रत रखने और पूजा करने से भगवान शिव, भक्तों की हर मनोकामना पूरी करते हैं. 1 अगस्त को सावन का तीसरा सोमवार है.
Sawan 3rd Somvar 2022 Puja Vidh Benefits: भगवान शिव (Lord Shiv) को समर्पित सावन माह (Sawan Month) की शुरुआत 14 जुलाई से हो चुकी है और 12 अगस्त 2022 को समाप्त होगा. हिंदू धर्म में सावन सोमवार (Sawan Somwar) का विशेष महत्व होता है. धार्मिक मान्यता है कि सावन सोमवार को व्रत (Sawan Somvar Vrat 2022) रखने और पूजा करने से भगवान शिव भक्तों की हर मनोकामना पूरी करते हैं.
1 अगस्त को सावन का तीसरा सोमवार (Sawan 3rd Somvar 2022) है. इस साल सावन के तीसरे सोमवार पर बेहद अद्भुत संयोग और कई योग का निर्माण हो रहा है. ऐसे में पूजा करने से पुण्य लाभ कई गुना बढ़ जाएगा. धार्मिक मान्यता है कि सावन सोमवार का व्रत (Sawan Somvar Vrat 2022) रखने से कुंवारी कन्याओं को मनचाहा वर मिलता है तथा सुहागिनों को वैवाहिक सुख और सुखमय जीवन.
सावन के तीसरे सोमवार पर बना है यह अद्भुत संयोग (Sawan Third Somvar Vrat 2022)
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल सावन के तीसरे सोमवार (Sawan Third Somvar Vrat 2022) के दिन ही विनायक चतुर्थी (Vinayak Chaturthi) भी पड़ रही है. इसके साथ ही इस दिन शिव योग और रवि योग का संयोग भी बन रहा है. ऐसे में सावन के तीसरे सोमवार के दिन व्रत रखते हुए पूजा करने से शिव जी के साथ भगवान गणेश की भी कृपा प्राप्त होगी. जहां सोमवार व्रत पूजन से सुयोग्य जीवनसाथी मिलेगा. वहीं विघ्नहर्ता भगवान श्री गणेश की कृपा से भक्तों के सारे कष्ट और पाप दूर हो जायेंगे.
कन्याएं इस विधि से करें सावन सोमवार व्रत की पूजा (Sawan Somvar Vrat 2022 Puja Vidhi )
सावन का तीसरा सोमवार (Sawan Third Somvar Vrat 2022) कल यानी 1 अगस्त को है. इस दिन भगवान शिव की आराधना विशेष रूप से करने का विधान है. सावन सोमवार के दिन प्रातः काल सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि करके स्वच्छ वस्त्र पहन लें. अब घर के पूजा स्थल पर खड़े होकर हाथ जोड़ कर व्रत और पूजन का संकल्प लें. इसके बाद पास के किसी शिव मंदिर में जाकर वहां पर शिवलिंग का गंगाजल, दूध और पंचामृत से जलाभिषेक करें. फिर भगवान शिव को अर्पित किए जाने वाली सभी पूजा सामग्री चढ़ाएं. अब घी का दीपक जलाएं. विधि पूर्वक पूजा करें. शिव के मंत्रों का जप करें. सोमवार व्रत कथा पढ़े या सुनें. पूजा के अंत में भगवान शिव और माता पार्वती की आरती करें. प्रणाम करके पूजा समाप्त करें.
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