Sawan 2022 Shiv Mandir: शिव जी का इकलौता मंदिर जहां नहीं है नंदी की प्रतिमा, जानिए क्या है वजह
Sawan 2022: हर शिवालय में शिवलिंग के सामने नंदी जरूर होते हैं लेकिन देश का एकलौत शिव मंदिर है जहां नंदी की प्रतिमा नहीं है. आइए जानते हैं इस मंदिर से जुड़ी रोचक जानकारियां.
![Sawan 2022 Shiv Mandir: शिव जी का इकलौता मंदिर जहां नहीं है नंदी की प्रतिमा, जानिए क्या है वजह Sawan 2022 Unique Lord shiva mandir without Nandi Nasik Kapaleshwar Temple Sawan 2022 Shiv Mandir: शिव जी का इकलौता मंदिर जहां नहीं है नंदी की प्रतिमा, जानिए क्या है वजह](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/07/16/8b8d742685e8eab835966482f13426931657969674_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Sawan 2022 Shiv Mandir: भगवान शिव का प्रिय महीना सावन शुरू हो गया है. साल 2022 का सावन महीने में कई शुभ योग (Sawan 2022 Shubh Yoga) आएंगे. सावन में चारों तरफ बाबा भोलेनाथ के जयकारों की गूंज है. शिव की महिमा अपरंपार है. पौराणिक कथाओं के अनुसार जहां शिव होते हैं वहां उनके गण नंदी भी विराजमान होते हैं. कहते हैं शिवालयों में नंदी की पूजा किए बिना शिव जी की पूजा अधूरी मानी जाती है. हर शिवालय में शिवलिंग के सामने नंदी जरूर होते हैं लेकिन देश का एकलौत शिव मंदिर है जहां नंदी की प्रतिमा नहीं है. आइए जानते हैं इस मंदिर से जुड़ी रोचक जानकारियां.
यहां बिना नंदी के विराजमान हैं शिव जी
महाराष्ट्र के नासिक के गोदावरी तट के पास कपालेश्वर महादेव (Kapaleshwar Temple) मंदिर स्थित है. यहां भगवान शिव की प्रतिमा तो है लेकिन उनके वाहन नंदी स्थापित नहीं है. पुराणों के अनुसार इस मंदिर में भगवान भोलेनाथ ने निवास किया था. पौराणिक कथा के अनुसार ब्रह्मदेव के 5 मुख थे. चार मुख वेदोच्चारण करते थे और पांचवां मुख हमेशा लोगों की बुराई करता था.
शिव जी पर लगा था ब्रह्म हत्या का पाप
एक बार इंद्रसभा की सभा में ब्रह्मदेव का पांचवा मुख भगवान शिव की निंदा करने लगा जिससे क्रोधित होकर उस मुख को ब्रह्मदेव के धड़ से अलग कर दिया. भोलेनाथ पर ब्रह्म हत्या का पाप लग गया. इस पाप से मुक्ति पाने के लिए सोमेश्वर में एक बछड़े ने शिव जी को उपाय बताया. इस बछड़े पर भी अपने मालिक जो ब्रह्मण था उसकी हत्या का पाप लगा था.
इस वजह से शिव जी के सामने विराजमान नहीं हैं नंदी
ब्रह्म हत्या के पाप से मुक्ति पाने के लिए बछड़े ने शिव जी को वही उपाय बताया जो उसने स्वंय किया था. बछड़े ने शिव जी को नासिक के पास स्थित रामकुंड में स्नान करने को कहा. इसके बाद भोलेनाथ ने बछड़ा यानी कि नंदी को अपना गुरु मान लिया. अब चूंकि यहां नंदी महादेव के गुरू बन गए थे इसीलिए उन्होंने इस मंदिर में नंदी को अपने सामने बैठने से मना कर दिया, तभी से यहां नंदी की प्रतिमा स्थापित नहीं है.
Sawan Somwar 2022: सावन सोमवार पर मिट्टी के बने शिवलिंग की पूजा करने से होती है धन में वृद्धि, जानें नियम और पूजा विधि
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)