Sawan 2023: देवों के देव महादेव का प्रिय महीना सावन 4 जुलाई 2023 से शुरु हो रहा है. वैसे तो पूरे सावन में शिव का जलाभिषेक किया जाता है, इसमें सोमवार का दिन विशेष माना गया है. मान्यता है कि सावन सोमवार का व्रत रखकर शिव का जलाभिषेक और रुद्राभिषेक करने वालों पर महादेव की विशेष कृपा बरसती है.
शास्त्रों के अनुसार सावन में सोमवार के अलावा भी कुछ महत्वपूर्ण तिथियां है जिसमें शिवलिंग की पूजा करने से भोलेनाथ बहुत प्रसन्न होते हैं और भक्त के सारे कष्ट हर लेते हैं. आइए जानते हैं साल 2023 में सावन में शिव पूजा की प्रमुख तिथियां.
सावन सोमवार 2023 (Sawan Somwar 2023 Dates)
सावन 2023 प्रमुख तिथियां (Sawan 2023 Important Tithi)
शिव पूजा के लिए प्रमुख तिथियां | दिनांक |
मौना पंचमी | 7 जुलाई 2023 |
शुक्र प्रदोष व्रत | 14 जुलाई 2023 शुक्रवार |
सावन शिवरात्रि | 15 जुलाई 2023 शनिवार |
सावन अमावस्या | 17 जुलाई 2023 सोमवार |
रवि प्रदोष व्रत | 30 जुलाई 2023 रविवार |
रवि प्रदोष व्रत (अधिकमास) | 13 अगस्त 2023 रविवार |
मासिक शिवरात्रि (अधिकमास) | 14 अगस्त 2023 सोमवार |
नाग पंचमी | 21 अगस्त 2023 सोमवार |
सोम प्रदोष व्रत | 28 अगस्त 2023 सोमवार |
सावन पूर्णिमा | 31 अगस्त 2023 |
सावन में शिव जी के जलाभिषेक का महत्व (Sawan Jalabhishek Significance)
शिव पुराण के अनुसार सावन में ही समुद्र मंथन हुआ था, जिसमें शिव जी ने विष पान कर समस्त सृष्टि की रक्षा की थी लेकिन इस हलाहल विष के कारण वह असहज हो गए. उनके गले में असहनीय दर्द उठा. विष के प्रभाव को कम करने के लिए सभी देवी- देवताओं ने उन्हें जल अर्पित किया. यही वजह है कि सावन में शिवलिंग का जलाभिषेक करने का विधान है. मान्यता है सावन में शुभ तिथियों पर शिवलिंग पर जलाभिषेक किया जाए तो व्यक्ति के सारे दुख, दोष, रोग दूर हो जाते हैं.
सावन 2023 शिव को जल चढ़ाने के नियम (Sawan Jalabhishek Niyam)
- जल चढ़ाने का पात्र - शास्त्रों में बताया गया है कि शिवलिंग पर जल चढ़ाने के लिए तांबे, कांसे या चांदी के पात्र सबसे अच्छा माना जाता है. वहीं दूध चढ़ाने के लिए पीतल या चांदी के बर्तन का प्रयोग करें.
- सही दिशा - शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय साधक को उत्तर दिशा की ओर मुख करना चाहिए. मान्यता है कि इस दिशा में मुख करके जलाभिषेक करने पर माता पार्वती और शिव जी दोनों का आशीर्वाद मिलता है.
- कैसे चढ़ाएं जल - भोलेथान को जल अर्पित करते समय जल की एक पतली धारा बनाकर मंत्र जाप करते हुए जल चढ़ाएं. शिवलिंग पर कभी खड़े होकर जल नहीं चढ़ाना चाहिए, इसे भोलेथान स्वीकार नहीं करते हैं. बैठकर और शांत मन से जलाभिषेक करें.
- इस चीज न करें उपयोग - शिव शंभू की पूजा में शंख वर्जित है, ऐसे में शिवलिंग पर जल चढ़ाने के लिए शंख का इस्तेमाल न करें. शिवपुराण के अनुसार, शिवजी ने शंखचूड़ नाम के दैत्य का वध किया था. ऐसा माना जाता है कि शंख उसी दैत्य की हड्डियों से बने होते हैं। इसलिए शिवलिंग पर शंख से जल नहीं चढ़ाना चाहिए.
सावन 2023 राशि अनुसार जलाभिषेक (Sawan 2023 Shiv puja according to Zodiac sign)
राशियां | शिव पूजा |
मेष राशि | गंगाजल से शिव का जलाभिषेक करने परे सर्वकार्य सिद्ध होंगे |
वृषभ राशि | धन प्राप्ति के लिए जल में अक्षत मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करें. |
मिथुन राशि | गन्ने के रस से शिव का अभिषेक करने पर सौभाग्य में वृद्धि होगी. |
कर्क राशि | शक्कर मिश्रित दूध से अभिषेक करने पर संतान सुख प्राप्त होगा. |
सिंह राशि | जल में गुलाब का फूल डालकर अभिषेक करने से आरोग्य का वरदान मिलेगा. |
कन्या राशि | शत्रु बाधा से मुक्ति के लिए शिव पर गन्ने का रस चढ़ाएं. |
तुला राशि | पंचामृत से भोलेनाथ का अभिषेक करें,इससे आर्थिक तंगी दूर होती है |
वृश्चिक राशि | ग्रहों के अशुभ प्रभाव से छुटकारा पाने के लिए घी से शंकर जी का अभिषेक करें. |
धनु राशि | वैवाहिक जीवन में सुख-शांति के लिए शहद से महादेव का अभिषेक करना चाहिए. |
मकर राशि | व्यापार या नौकरी में परेशानी आ रही है तो गंगाजल या इत्र शिव जी को चढ़ाएं. जल्द शुभ परिणाम मिलेंगे |
कुंभ राशि | जन्म-मरण के चक्र से छुटकारा पाने के लिए गंगाजल से भगवान भोलेनाथ का रुद्राभिषेक करना उत्तम माना गया है. |
मीन राशि | दूध में भांग और गन्ने का रस मिलाकर शिव का अभिषेक करें, इससे आय के नए अवसर प्राप्त होंगे. |
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