Sawan 2023, Monsoon Rain: सावन महीने की शुरुआत होते ही हल्की-हल्की बारिश से मौसम सुहाना होने लगा था. लेकिन महज एक सप्ताह के भीतर ही बादल खूब बरसने भी लगे हैं और गरजने भी लगे हैं.
बता दें कि सावन महीने की शुरुआत मंगलवार 04 जुलाई को हुई थी और इसका समापन 31 अगस्त को होगा. वहीं कल यानी 10 जुलाई को सावन के पहले सोमवार का व्रत रखा जाएगा. वैसे तो सावन का महीना शिवजी की पूजा-अराधना के लिए समर्पित होता है. लेकिन सावन में पड़ने वाले सोमवार के दिन का विशेष महत्व होता है.
सावन की पहली सोमवारी से पहले झमाझम बारिश
सावन की सोमवारी से ठीक पहले देश के ज्यादातर हिस्सों में झमाझम बारिश हो रही है. एक तरफ लोग बारिश और मौसम का लुत्फ उठा रहे हैं तो वहीं शिवभक्त पूजा-सामग्री न मिल पाने से परेशान हैं. क्योंकि बारिश के कारण बाजार-दुकान सभी बंद हैं. ऐसे में भक्त परेशान हैं कि बिना पूजा सामग्री के कल सावन की पहली सोमवारी पर शिवजी की पूजा कैसे की जाए. तो वहीं कुछ लोग इसलिए भी परेशान हैं कि अगर लगातार इसी तरह से बारिश होती रही तो सुबह पूजा के लिए शिवालय या शिव मंदिर कैसे पहुंचे.
लेकिन आपको चिंता करने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है. क्योंकि सावन का महीना और सावन की बारिश दोनों की शिवजी को अतिप्रिय है. इसलिए सावन की बारिश का आपके पूजा या व्रत पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. हम आपको कुछ ऐसे उपायों के बारे में बताएंगे, जिससे कि आप बिना पूजा सामग्री के या बिना मंदिर गए भी शिवजी की पूजा कर सकेंगे और इससे भी आपको पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होगा.
बिना पूजा सामग्री के ऐसे करें शिवजी पूजा
सावन की पहली सोमवारी के लिए लोग पहले से पूजा सामग्री की तैयारियों में जुट जाते हैं. लेकिन बारिश के कारण लोग बेलपत्र, गंगाजल, दूध, दही, भांग, धतूरा फूल, अक्षत, भोग, नागिरयल, कपूर आदि जैसी पूजा सामग्रयों की खरीदारी नहीं कर पाएं. आपको बता दें कि भोले भंडारी सरल पूजा विधि से भी प्रसन्न हो जाते हैं. अगर आप श्रद्धापूर्वक शिवलिंग पर एक लोटा शुद्ध जल भी चढ़ाएंगे तो शिवजी की कृपा आपको जरूर प्राप्त होगी और पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होगा.
घर पर कैसे करें सावन सोमवारी की पूजा
झमाझम बारिश के कारण अगर आप सुबह मंदिर जाने में असमर्थ हैं तो चिंता न करें. आप घर भी भगवान शिव की पूजा-अराधना कर सकते है. इसके लिए सुबह जल्दी उठकर स्नानादि करें और फिर साफ कपड़े पहन लें. सबसे पहले शिवलिंग पर गंगाजल या शुद्ध जल से अभिषेक करें. शिवलिंग पर चंदन का लेप लगाएं. इसके बाद बेलपत्र, धतूरा, भांग, फूल, फल आदि चढ़ाएं. इसके बाद पञ्चाक्षर मन्त्र ‘नम: शिवाय’ का 12 बार जाप करें और इसके बाद शिवजी की आरती करें. इस विधि से घर पर भी पूजा करने से शिव जी प्रसन्न होते हैं.
शिवजी और बारिश का संबंध
सावन की बारिश और शिवजी के बीच गहरा संबंध है. इससे पौराणिक कारण भी जुड़ा हुआ है, जिसके अनुसार, सावन महीने में ही समुद्र मंथन हुआ था और समुद्र से निकले हलाहल विष को शिवजी ने लोक कल्याण के लिए स्वयं पी लिया था. इससे उनके गले और शरीर में तीव्र जलन होने लगी थी. इसके बाद सभी देवताओं ने शिवजी को को शीतल जल चढ़ाया जिसकी ठंडक से उनकी जलन कम हुई. ऐसी मान्यता है कि सावन की बारिश भगवान शिव के शरीर को ठंडक प्रदान करती है.
भगवान शिव स्वयं सावन महीने की महिमा बताते हुए कहते हैं, मेरे तीनों नेत्रों में सूर्य दाहिने, बाएं चन्द्रमा और अग्नि मध्य नेत्र है. जब सूर्य कर्क राशि में गोचर करते हैं तब सावन महीने की शुरुआत होती है. सूर्य गर्म है जो ऊष्मा देता है वहीं चंद्रमा शीतलता प्रदान करता है. ऐसे में सूर्य के कर्क राशि में आने से झमाझम बारिश होती और शिवजी को इसकी ठंडक से सुकून मिलता है. इसलिए शिवजी को सावन की बारिश प्रिय है और इससे उन्हें गहरा लगाव है.
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