Sawan 2023: सावन का महीना देवों के देव महादेव का प्रिय माह होता है. वहीं इस माह अधिकमास होने के कारण सावन 59 दिनों का होगा. सावन मे पूरे महीने शिवालयों में भक्तों की भीड़ लग रहती है. बता दें कि सावन का महीना मंगलवार 04 जुलाई से शुरू हो रहा है और इसकी समाप्ति 31 अगस्त 2023 को होगी.


शास्त्रों के अनुसार, सावन में शिवलिंग पूजा का विशेष महत्व बताया गया है. वहीं भगवान शिव को भी अभिषेक अतिप्रिय है. यही कारण है शिवजी को प्रसन्न करने के लिए भक्त शिवलिंग पर विभिन्न द्रव्यों से अभिषेक करते हैं. लेकिन शिवलिंग पूजन में कुछ द्रव्यों का अर्पण करना निषेध होता है.  



शिवलिंग पूजन में न करें ये गलतियां



  • तिल से अभिषेक या तिल से बनी मिठाई से शिवलिंग का पूजन कभी नहीं करें. कहा जाता है कि तिल भगवान विष्णु का मैल है और उनके मैल से उत्पन्न हुआ है. इसलिए तिल से कभी शिव का अभिषेक नहीं करें.

  • नारियल जोकि लक्ष्मीजी का प्रिय फल है. इसलिए शिवजी की पूजा में भी नारियल का पूजन प्रयोग नहीं किया जाता. नारियल के पानी से शिवलिंग पर अभिषेक करने से परेशानी और कष्टों का सामना करना पड़ सकता है. 

  • भोलेनाथ की पूजा में शंख से पूजन भूलकर भी नहीं करें. भोलेनाथ और शंख दोनों आपस में शत्रु हैं. शंखचूड नाम का एक राक्षस हुआ जिसका वध भोलेनाथ ने किया था. इसलिए शिव पूजा में शंख निषेघ है.

  • शंख के साथ ही कुंमकुम भी शिवजी को नहीं चढाया जाता. क्योंकि कुमकुम महिलाओं के श्रृंगार की वस्तु है और महिलाएं इसे अपनी ललाट व मांग में लगाती हैं. भोलेनाथ चूंकि वैरागी है अतः उन्हें श्रृंगार सामग्री नहीं चढाई जाती  

  • हल्दी भी श्रृंगार का समान है और इसे शिव पूजन में उपयोग में नही लिया जाता.


पंचामृत सावधानी से बनाएं, वरना बन जाएगा विष


भोलेनाथ पर जल, दूध, घी, शहद, गन्ने का रस के साथ ही पंचामृत से अभिषेक किया जाता है. लेकिन पंचामृत बनाने में शुद्धता का विशेष ध्यान रखा जाना आवश्यक है क्योंकि इसके अभाव में पंचामृत अशुद्ध माना जाता है और अशुद्धता विष समान होती है. अगर आप पंचामृत से अभिषेक करते हैं तो पंचामृत बनाने की सही विधि आपको पता होनी चाहिए. 


कैसे शुद्ध हो पंचामृत


यह तो सभी जानते हैं कि पंचामृत में दूध, दही, घी, शक्कर और शहद का मिश्रण होता है. लेकिन किस द्रव्य की कितनी मात्रा हो इसका ज्ञान सभी को नहीं होता. शुद्ध पंचामृत के लिए आप जितना दूध लें उससे आधा दही लीजिए. यानी एक किलो दूध है तो आधा किलो दही, दही से आधा शक्कर यानी पाव भर शक्कर, शक्कर से आधा मधु यानी शहद यानी 125 ग्राम और इससे आधा घी यानी पचास ग्राम घी होना चाहिए. इस विधि से बनाई गई पंचामृत ही पूजा के लिए शुद्ध और सही होती है.


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