(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Shiv Ka Prasad: शिवलिंग पर चढ़ा प्रसाद खाएं या नहीं ? जानें क्या है नियम
Shiv Ka Prasad: सावन में अगर आप भी शिवलिंग की पूजा करते हैं तो जान लीजिए क्यों शिवलिंग पर चढ़ाया प्रसाद नहीं खाना चाहिए. क्या है शिव के प्रसाद का महत्व और इससे जुड़ी रोचक बातें.
Sawan 2023, Shivling Prasad: सनातन धर्म में भगवान की पूजा में चढ़ाया प्रसाद अमृत के समान पवित्र माना जाता है, इस भोग को ग्रहण करने से मानव को साक्षात ईश्वर का आशीर्वाद मिलता है. आमतौर पर सभी देवी-देवताओं की पूजा में चढ़ाया प्रसाद बांटकर खाया जाता है.
शिवलिंग पर चढ़ा हुआ प्रसाद ग्रहण करने की मनाही होती है. सावन में अगर आप भी शिवलिंग की पूजा करते हैं तो जान लीजिए क्यों शिवलिंग पर चढ़ाया प्रसाद नहीं खाना चाहिए.
क्यों नहीं खाते शिवलिंग पर चढ़ा प्रसाद ? (Shivling prasad Story)
शिव पुराण के अनुसार भगवान शिव के मुख से चण्डेश्वर नामक गण प्रकट हुआ था. चण्डेश्वर भूत-प्रेतों का प्रधान है. मान्यता है कि शिवलिंग पर चढ़ा हुआ प्रसाद चण्डेश्वर का होता है. यही वजह है कि शिवलिंग पर चढ़ा हुआ प्रसाद ग्रहण करना भूत-प्रेतों का भोजन ग्रहण करने के समान है. इस कारण शिवलिंग पर चढ़ाया प्रसाद खाना वर्जित है.
किस शिवलिंग पर चढ़ा प्रसाद खाना है वर्जित?
- धर्म ग्रंथों के अनुसार मिट्टी, पत्थर और चीनी मिट्टी से बने शिवलिंग पर अर्पित किया प्रसाद नहीं खाना चाहिए, ये चंडेश्वर का अंश होता है.
- सावन सोमवार पर जो लोग मिट्टी के पार्थिव शिवलिंग बनाकर पूजा करते हैं वह शिवलिंग पर चढ़ाया प्रसाद ग्रहण न करें, जल में प्रवाहित कर दें.
ऐसे शिवलिंग पर चढ़ा प्रसाद खाने से खत्म हो जाते हैं दोष
- धातु से बने शिवलिंग का प्रसाद खा सकते हैं, जैसे चांदी, तांबे, पीतल से बने शिवलिंग की पूजा में चढ़ाया प्रसाद शिव का अंश माना जाता है. शिव पुराण में कहा गया है कि भगवान शिव का प्रसाद असंख्य पापों का नाश करता है.
- पारद शिवलिंग पर भी प्रसाद चढ़ाने के बाद उसे खा सकते हैं और घर भी ले जा सकते हैं. इससे किसी प्रकार का दोष नहीं लगता.
प्रसाद चढ़ाने के नियम (Bhog Niyam)
- भगवान को हमेशा सात्विक चीजों का ही भोग लगाना चाहिए.
- प्रसाद कभी भी जमीन में नहीं चढ़ाना चाहिए.
- इसे पीतल या चांदी आदि जैसे धातु के बने पात्रों में चढ़ाएं.
- पूजा पूर्ण होने के बाद प्रसाद को भगवान के पास से उठा लेना चाहिए और इसे श्रद्धापूर्वक सपरिवार ग्रहण करना चाहिए.
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