Sawan Story: इन 3 कारणों की वजह से शिव को पसंद नहीं करते थे उनके ससुर राजा दक्ष
Sawan Special Story: समस्त देवी-देवता शिव को अपना आराध्य मानते है लेकिन फिर ऐसी क्या वजह थी जिसके कारण भोलेनाथ के ससुर और देवी सती के पिता राजा दक्ष प्रजापति शिव को नापसंद करते थे.
Sawan 2023, Shiv ji Story: हिंदू धर्म में त्रिदेव में शिव जी को सबसे श्रेष्ठ देवता माना जाता है. महादेव को सृष्टि का सबसे आदर्श पुरुष माना जाता है. महिलाएं शिव समान पति पाने की इच्छा से पूरे साल तीज-त्योहारों और खासकर सावन में भक्तिभाव से भोलेनाथ की आराधना करती है.
समस्त देवी-देवता शिव को अपना आराध्य मानते है लेकिन फिर ऐसी क्या वजह थी जिसके कारण भोलेनाथ के ससुर और देवी सती के पिता राजा दक्ष प्रजापति शिव को नापसंद करते थे. राजा दक्ष का शिव को पसंद न करने के कई कारण बताए गए हैं. आइए जानते हैं इसकी कथा.
जब राजा दक्ष के सामने नहीं उठे शिव जी (Shiv Ji and Raja Daksha Story)
पौराणिक कथा के अनुसार जब राजा दक्ष किसी यज्ञ के आयोजन में पहुंचे तो वहां उपस्थित सभी देवी-देवता ने खड़े होकर उनका स्वागत किया. लेकिन महादेव ब्रह्माजी के साथ बैठे रहें. राजा दक्ष ने इसे अपना अपमान समझा और भोलेनाथ के प्रति कई अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया. ये एक कारण है कि राजा दक्ष शिव जी को जरा भी पसंद नहीं करते थे.
देवी सती का शिव को पति मानना राजा दक्ष को था अस्वीकार
पौराणिक कथा के अनुसार राजा दक्ष की पुत्री देवी सती शिव से विवाह करना चाहती थी लेकिन दक्ष महादेव को अपनी पुत्री के लिए योग्य वर नहीं मानते थे. इस कारण उन्होंने सती के विवाह का स्वयंवर रचाया लेकिन इसमें शिव को आमंत्रित नहीं किया. माता सती भोलेनाथ को मन ही मन पति मान चुकी थी, इसलिए उन्होंने शिव का नाम लेकर पृथ्वी पर वरमाला डाल दी, उसी वक्त शिव वहां प्रकट हो गए और उनके गले में वरमाला डल गई. पत्नी सती को साथ लेकर शिव वहां से चले गए. सती माता ने पिता की इच्छा के विरुद्ध शिव से विवाह किया जिसके कारण राजा दक्ष भोलेनाथ को नापसंद करने लगे.
क्यों शिव से चिढ़ते थे राजा दक्ष ?
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार राजा दक्ष प्रजापति ब्रह्माजी के मानस पुत्र थे. ब्रह्मा जी के पांच सिर थे, जिसमें से 3 वेदों का पाठ करते लेकिन 2 सदा लोगों की निंदा करते थे. एक बार ब्रह्मा जी के दो मुख धर्म, देवी-देवता और वेदों का को बुरा भला कह रह थे. इस बात से शिव जी अत्यंत क्रोधित हो उठे और उन्होंने गुस्से में ब्रह्माजी का पांचवां सिर काटकर धड़ से अलग कर दिया. राजा दक्ष प्रजापति अपने पिता ब्रह्मा का सिर काटने के कारण भगवान शिव से नफरत करने लगे.
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