(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Sawan 2024: शिवलिंग पर भूलकर भी न चढ़ाएं ये चीजें, भगवान शिव हो सकते हैं नाराज
Sawan 2024: सावन में शिव जी की (Shiv puja) पूजा करने से जन्मों-जन्मांतर के पाप धुल जातेहैं और व्यक्ति को अमोघ फल प्राप्त होता है लेकिन पूजन में कुछ ऐसी सामग्री हैं जो शिव जी पर नहीं चढ़ानी चाहिए.
Sawan Shiv puja: देवों के देव महादेव के मन को भाने वाला सावन महिना सोमवार 22 जुलाई 2024 से (Sawan) शुरु हो चुका है. सावन की शुरुआत और समापन दोनों ही सोमवार के दिन होने से बहुत ही दुर्लभ संयोग बना हुआ है. शास्त्रों के अनुसार सावन के महीने में शिवलिंग (Shivling) पर गंगाजल, बेलपत्र (Belpatra), धतूरा, भांग, बेर, शमीपत्र और कनेर के पुष्प अर्पित किए जाते हैं, ताकी भगवान भोलनाथ जल्द प्रसन्न हो जाएं.
वहीं शास्त्रों में कुछ पूजा सामग्री श्रावण मास (Sawan month) हो या कोई सा भी दिन हो शिवजी को अर्पित करने की मनाही होती है. आइए जानते हैं भगवान शिव की पूजा में किन-किन चीजों को नहीं चढ़ाना चाहिए.
सावन में शिव जी पर न चढ़ाएं ये चीजें (Shiv Puja Niyam)
ये फूल न चढ़ाएं - केतकी को झूठ बोलने के कारण भोलेनाथ से श्राप मिला हैं. तभी से केतकी के पुष्प भगवान शिव को नहीं चढ़ते हैं, इसीलिए इस पुष्प को शिवलिंग पर कभी नहीं चढ़ाना चाहिए इस बात का विषेष ध्यान रखें.
कुमकुम क्यों नहीं चढ़ता - कुंकुम एक श्रृंगार की सामग्री है जबकि भोलेनाथ तो बैरागी है, इसलिए शिवजी या शिवलिंग पर कुंकुम से ना तो श्रृंगार किया जाता है और ना ही टीका लगाया जाता है. उन्हें हमेशा चन्दन या अष्टगंध का टीका लगाते है.
हल्दी - आमतौर अपना अधूरा ज्ञान होने से लोग हल्दी का लेप भी शिवलिंग पर कर देते हैं, जो पूरी तरह से वर्जित है, क्योंकि हल्दी भी एक श्रृंगार सामग्री मानी गयी है.
शंख क्यों नहीं करते उपयोग - शिव पूजा में शंख का उपयोग नहीं किया जाता है, क्योंकि शंखचूड़ का वध भगवान शिव ने किया था और शंख को शंखचूड़ का ही रूप माना गया हैं, इसलिए शिवलिंग की पूजा और अभिषेक में शंख का प्रयोग नहीं किया जाता है.
नहीं चढ़ता ये फल - नारियल का उपयोग भी शिवलिंग पर नहीं किया जाता. नारियल का प्रसाद भी शिवलिंग पर नहीं चढ़ाते और ना ही उसके जल से षिवलिंग पर अभिषेक करते हैं. अगर आप शिवलिंग पर नारियल को चढ़ाते भी है तो उसे अखण्ड रूप से चढ़ाकर षिव को अर्पित कर दें.
वर्जित है ये पत्ता - तुलसी का प्रसाद या तुलसी दल का प्रयोग शिवलिंग में किसी भी रूप में नहीं किया जाता है और न ही शिवलिंग पर इसे चढ़ाया जाता है, ऐसा करना वर्जित हैं क्योंकि तुलसी को भगवान विष्णु की पत्नी का दर्जा दिया है इसलिए उनका उपयोग शिव जी की पूजा में पूरी तरह वर्जित हैं.
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