Sawan 2024: श्रावण यानि सावन का महीना शिव को सबसे प्रिय है. पौराणिक मान्यता है कि सावन में शिव जी पृथ्वी पर अपने ससुराल आते हैं और भक्तों के संकट दूर करते हैं. यही वजह है इस पवित्र महीने में भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए भक्तगण पूजा, जलाभिषेक करते हैं. ये पूरा मास मनोकामनाओं की पूर्ति करने वाला माना गया है. सावन में क्या-क्या किया जाता है, आइए जानें.


सावन में क्या-क्या किया जाता है (Sawan me Kya kare)


पार्थिव शिवलिंग पूजा - सावन में भोलेनाथ का जल, पंचामृत आदि से अभिषेक करना शुभ फलदायी माना गया है. इस दौरान शिव जी की प्रिय चीजें धतूर, भागं, भस्म उन्हें अर्पित करना चाहिए, इसके लिए पार्थिव (मिट्‌टी के शिवलिंग) शिवलिंग बनाकर पूजा करना श्रेष्ठ माना गया है. इससे शिव जी पूजा जल्द स्वीकार करते हैं.


सावन सोमवार व्रत - सावन सोमवार का दिन खास माना गया है. इस दिन सुहागिने पति की लंबी उम्र और कुंवारी लड़कियां अच्छा जीवनसाथी पाने के लिए व्रत करती हैं. इससे धन, सुख, समृद्धि  में वृद्धि होती है साथ ही तमाम तरह के कष्टों से मुक्ति मिलती है.


हरे रंग का इस्तेमाल - सावन में वर्षा ऋतु होने के कारण प्रकृति पर हरे रंग की चादर सी बिछ जाती है. हरे रंग को सुहाग का प्रतीक भी माना गया है. मान्यता है कि सावन में हरे रंग की चूड़ी, साड़ी, पहनने से भगवान शिव और माता पार्वती प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं. वैवाहिक जीवन में खुशहाली आती है, सूनी गोद भरने की कामना पूरी होती है.


कांवड़ यात्रा - सावन में कांवड़िए (शिव के भक्त) भोलेनाथ का आशीर्वाद पाने के लिए कठिन तरह की यात्रा करते हैं. इसमें वह कंधे पर कांवड़ टांगकर मीलों पैदल चलकर हरिद्वार, संगम तट जाते हैं. कांवड़ में जल भरकर लाते हैं और सावन शिवरात्रि उस जल से जलाभिषेक करते हैं. मान्यता है ऐसा करने से मोक्ष प्राप्त होता है.


महिलाओं से जुड़ी परंपराएं - सावन में स्त्रियां पेड़ों पर झूले झूलती है, सावन के गीत गाए जाते हैं. साथ ही हरियाली तीज  और रक्षाबंधन पर स्त्रियां मायके जाती हैं.


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