Sawan Somwar 2023:14 अगस्त को अधिक मास का अंतिम सोमवार, जानें सावन में और कितने सोमवार हैं शेष
Sawan Somwar 2023: 14 अगस्त 2023 को अधिक मास का चौथा और सावन माह का छठा सोमवार व्रत रखा जाएगा. यह अधिक मास का अंतिम सोमवार व्रत होगा. क्योंकि 16 अगस्त को अधिक मास समाप्त हो जाएगा.
Sawan Somwar 2023: सावन में पड़ने वाले प्रत्येक सोमवार दिन भोलेनाथ की पूजा-अराधना करने और व्रत रखने का महत्व है. इस दिन किए पूजा-व्रत का लाभ मिलता है और सभी मनोकामनाएं भी पूरी होती है.
इस साल सावन महीने में अधिक मास या मलमास लगा है, जिससे सावन में कुछ 8 सोमवार व्रत रखे जाएंगे. पंचांग के अनुसार, 14 अगस्त को अधिक मास का अंतिम सोमवार व्रत रखा जाएगा. यह सावन अधिक मास का छठा और अधिकमास का चौथा सोमवार व्रत होगा. वहीं इस दिन अधिक मास की मासिक शिवरात्रि भी पड़ रही है, जिससे इसका महत्व और अधिक बढ़ जाता है.
अधिक मास अंतिम सोमवार मुहूर्त
14 अगस्त को अधिक मास का अंतिम सोमवार व्रत रखा जाएगा. वहीं यह सावन महीने का छठा सोमवार व्रत होगा. इस दिन शिवजी की पूजा के लिए क्या है शुभ मुहूर्त आइए जानते हैं-
- ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 04:50 से सुबह 05:34 तक
- गोधूलि मुहूर्त- शाम 07:07 से शाम 07:29 तक
- अमृत काल मुहूर्त- सुबह 08:27 से सुबह 10:14 तक
अधिक मास के अंतिम सोमवार पर शुभ योग
- सिद्धि योग- 13 अगस्त 2023 दोपहर 03:56 से 14 अगस्त दोपहर 04:40 तक
- सर्वार्थ सिद्धि योग- 14 अगस्त 2023 सुबह 11:07 से 15 अगस्त सुबह 05:50 तक
सावन में कितने सोमवार शेष
सावन महीने की शुरुआत 04 जुलाई से हुई है और इसकी समाप्ति 31 अगस्त को होगी, जिसमें कुल 8 सोमवार व्रत रखें जाएंगे. इस साल सावन माह में ही अधिक मास लगा है. 18 जुलाई से 16 अगस्त अधिक मास है. इस तरह से 10 जुलाई, 17 जुलाई, 24 जुलाई, 31 जुलाई और 7 अगस्त को सावन सोमवार के व्रत रखे जा चुके हैं. अब तीन सावन सोमवार शेष हैं, जिसमें 14 अगस्त को अधिक मास का अंतिम और सावन माह का छठा सोमवार व्रत रखा जाएगा. इसके बाद शिवभक्त 21 और 28 अगस्त को अंतिम दो सावन सोमवार के व्रत रखेंगे.
सावन सोमवार पूजा विधि
सावन सोमवार के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि कर साफ कपड़े पहन लें और इसके बाद घर पर या मंदिर में जाकर शिवलिंग पर जलाभिषेक करें. इसके साथ ही मां पार्वती और नंदी को भी गंगाजल या दूध चढ़ाएं. शिवजी को बेल,धतूरा, भांग, भस्म , चंदन, अक्षत आदि अर्पित करें और साथ ही मां पार्वती और गणेश भी पूजा करें. शिवजी को घी,शक्कर, पंचमेवा या गुड़ का भोग लगाएं. अब धूप-दीप जलाकर भोलेनाथ की आरती करें.
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