(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Sawan 2024 Start Date: 29 दिन का होगा सावन, श्रावण सोमवार पर बन रहे दुर्लभ संयोग, बरसेगी शिव कृपा
Sawan 2024 Start Date: आषाढ़ खत्म होते ही सावन शुरू हो जाएगा. सावन का पूरा महीना खासकर सोमवार शिव पूजा के लिए खास है. साथ ही इस बार सावन 2024 दुर्लभ संयोग लेकर आ रहा है. जानें सावन के शुभ संयोग.
Sawan 2024: शिव भक्तों को हर साल सावन महीने का बेसब्री से इंतजार रहता है. मान्यता है सावन में की गई शिव पूजा कभी न खत्म होने वाला पुण्य प्रदान करती है. सावन के महीने में यदि भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया जाए तो सभी मनोवांछित मनोकामनाएं पूर्ण होती है.
इस साल 22 जुलाई से शुरू हो रहा है सावन बहुत खास माना जा रहा है. आइए जानते हैं 2024 में सावन क्यों है महत्वपूर्ण, कौन से शुभ संयोग बन रहे हैं.
29 दिन का होगा सावन, सोमवार से शुरुआत (Sawan 29 days)
इस साल सावन 29 दिन का होगा. श्रावण 22 जुलाई (सोमवार) से 19 अगस्त 2024 (सोमवार) तक रहेगा. वहीं खास बात ये है कि सावन की शुरुआत और समाप्ति दोनों ही सोमवार से ही हो रही है. सावन का अंतिम दिन श्रावण पूर्णिमा होता है, इस दिन रक्षा बंधन मनाया जाता है. इस साल रक्षाबंधन पर सावन सोमवार रहेगा.
सावन के सोमवार क्यों है महत्वपूर्ण ? (Why Sawan somwar is special)
भगवान भोलेनाथ और मां पार्वती की आराधना करने से मनचाहा वरदान मिलता है. विवाह में आ रही बाधाएं, संतान सुख, धन लाभ, रोग से मुक्ति पाने के लिए सावन सोमवार का व्रत बहुत लाभकारी माना गया है. शिव जी के इस प्रिय मास में विवाहित महिलाएं सौभाग्यवती की कामना के लिए पूरे सावन सोमवार का विधिवत व्रत-पूजन करती है. सावन सोमवार भोलेनाथ को प्रसन्न करने का दिन है. इसमें की गई पूजा-पाठ, नियम शीघ्र फल प्रदान करते हैं.
सावन का महीना क्यों मनाया जाता है? (Sawan history)
- ऋषि मार्कण्डेय ने लंबी आयु के लिए सावन मास में ही घोर तप कर शिवजी की कृपा प्राप्त की थी, जिससे अल्पायु मार्कण्डेय चिरंजीवी हो गए थे.
- समुद्र मंथन भी सावन मास में ही किया गया था. इस दौरान शिव ने हलाहल विष पी लिया जिससे उन्हें पीड़ा होने लगी तब जल अर्पित कर शिव जी की पीड़ा को शांत किया गया था. तभी से शिव जी को जल अति प्रिय है. सावन में जो जलाभिषेक करता है उसके समस्त संकट भोलेनाथ हर लेते हैं.
- सावन में ही भगवान शिव पृथ्वी पर अवतरित होकर अपनी ससुराल गए थे और वहां उनका जलाभिषेक कर स्वागत किया गया था. हर सावन में शिव जी ससुराल आते हैं. भक्तों पर कृपा लुटाते हैं.
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