Sawan Pradosh Vrat 2021: साल 2021 का सावन मास 22 अगस्त को समाप्त होने वाला है. कल यानी 20 अगस्त को सावन का आखिरी प्रदोष व्रत है. यह प्रदोष व्रत शुक्रवार के दिन पड़ रहा है. इस लिए इसे शुक्र प्रदोष व्रत कहते हैं. हर माह की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत कहा जाता है. यह एक माह माह में एकादशी व्रत की तरह दो बार होता है. शुक्र प्रदोष व्रत सुख-समृद्धि और मान -सम्मान के लिए अति विशिष्ट होता है.


प्रदोष व्रत में भगवान शिव और माता पार्वती की विधि –विधान से पूजा की जाती है. सावन मास भी भगवान शिव को समर्पित होता है. ऐसे में सावन माह का प्रदोष व्रत अति विशिष्ट हो जाता है.


सावन प्रदोष व्रत 2021 तिथि


सावन मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 19 अगस्त को देर रात 12 बजकर 24 मिनट से शुरू होगी. जो कि 20 अगस्त को रात 10 बजकर 20 मिनट तक रहेगी. ऐसे प्रदोष व्रत 20 अगस्त को रखा जाएगा.



प्रदोष काल में शिव पूजा के लिए मुहूर्त


सावन 2021 के शुक्र प्रदोष व्रत की पूजा –आराधना के लिए शुभ मुहूर्त शाम को 06 बजकर 40 मिनट से रात 08 बजकर 57 मिनट तक है. इस लिए भक्तों को इस प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा आराधना कर लेनी चाहिए.


नोट:  सावन मास में महादेव की पूजा के लिए कोई मुहूर्त नहीं देखा जाता है क्योंकि इस माह में हर दिन पावन होता है.


सावन प्रदोष व्रत का महत्व


धार्मिक मान्यता है कि शुक्र प्रदोष व्रत करने से भक्त को भगवान शिव का आशीर्वाद व कृपा प्राप्त होती है. इससे व्यक्ति के जीवन में आरोग्य, अभय, सुख, समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती है.