Sawan Somwar 2023 Highlight: बेहद खास है सावन की शिवरात्रि, यहां जानें पूजा का शुभ मुहूर्त, सामग्री और जलाभिषेक का समय
Sawan Somwar 2023 Highlight: सावन में आने वाली शिवरात्रि सबसे खास मानी जाती है. इस साल सावन शिवरात्रि 15 जुलाई 2023 शनिवार को है. जानते हैं सावन शिवरात्रि की संपूर्ण जानकारी
ऊँ हौं जूं स: ऊँ भुर्भव: स्व: ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। ऊर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ऊँ भुव: भू: स्व: ऊँ स: जूं हौं ऊँ।।
ओम साधो जातये नम:।। ओम वाम देवाय नम:।।
ओम अघोराय नम:।। ओम तत्पुरूषाय नम:।।
ओम ईशानाय नम:।। ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय।।
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक सिर की चोटी और मुख पर राहु जबकि कंठ पर केतु का प्रभाव होता है. इसी तरह दांत और जीभ पर बुध से प्रभावित होती है. आंखों और खून पर मंगल का प्रभाव माना जाता है. वहीं मस्तक पर ग्रहों के राजा सूर्य का असर होता है. शिवलिंग पर जल अर्पित करने के बाद बह रहे जल को शरीर के इन हिस्सों पर लगाने से नवग्रहों शांति होती है.
स्वास्थ्य और आरोग्य की कामना के लिए इत्र से भगवान शिव का अभिषेक करें. इसके बाद उन्हें जल अर्पित करें. मंदिर में ही "ॐ जूं सः माम पालय पालय" का 11 माला जाप करें. इससे आरोग्य रहने का वरदान मिलता है.
शिवरात्रि के दिन भगवान शिव का कई तरह से अभिषेक किया जाता है. आज के दिन शिवलिंग पर जल, दूध, दही, गन्ने का रस, सरसों का तेल, दूब का पानी, देसी घी, शहद से शिव जी का अभिषेक किया जाता है. शिवरात्रि की रात को अलग-अलग प्रहर में अलग-अलग चीजों से शिवलिंग का अभिषेक किया जाता है.
सावन शिवरात्रि के दिन सूर्योदय से पूर्व स्नान के बाद व्रत का संकल्प लें. निशिता काल मुहूर्त में शिवलिंग का दूध, दही, शहद, घी, शक्कर, गन्ने के रस आदि से अभिषेक करें.
गंगाजल में काला तिल मिलाकर इसे शिवलिंग पर अर्पित करें. इस अर्पित करते समय 108 बार महामृत्युजंय मंत्र का जाप करें.
इसके बाद शंकरजी की प्रिय वस्तुएं जैसे बेलपत्र, धतूरा, भांग, हरसिंगार के फूल और काला तिल अर्पित करें. आटे का चौमुखी दीपक बनाकर घी का दीया जलाएं और शिव चालीसा, शिव मंत्र, शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करें.
शुभ-उत्तम मुहूर्त: सुबह 07:16 बजे से सुबह 09:00 बजे तक
चर-सामान्य मुहूर्त: दोपहर 12:27 बजे से दोपहर 02:10 बजे तक
लाभ-उन्नति मुहूर्त: दोपहर 02:10 बजे से दोपहर 03:54 बजे तक
अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त: दोपहर 03:54 बजे से शाम 05:37 बजे तक
सावन की शिवरात्रि हर साल कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है. इसकी तिथि 15 जुलाई यानी आज रात 08 बजकर 32 मिनट पर शुरू होकर 16 जुलाई की रात 10 बजकर 08 मिनट पर समाप्त होगी. शिवरात्रि की पूजा इन शुभ मुहूर्त में होगी. जलाभिषेक इन शुभ मुहूर्त में कभी भी किया जा सकता है.
सुबह का मुहूर्त - सुबह 07:16 - सुबह 09:00 (16 जुलाई 2023)
शाम का मुहूर्त - रात 07.20 - रात 08.22
निशिता काल मुहूर्त - 16 जुलाई 2023, प्रात: 12.07 - प्रात: 12.48
सावन शिवरात्रि का विशेष महत्व माना गया है. सावन शिवरात्रि पर भगवान शिव की विधि पूर्वक पूजा करने से सारी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है. इस पूजा व्रत से सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है. सावन की शिवरात्रि के त्योहार की महिमा अलग होती है. इस शिवरात्रि का महत्त्व इसलिए भी बढ़ जाता हैं क्योंकि इसमें भगवान शिव का जलाभिषेक करना बहुत पुण्यकारी माना जाता हैं.
सावन शिवरात्रि का व्रत सुख- सौभाग्य और सफलता प्रदान करने वाला माना जाता है. सावन में भोलेनाथ को प्रसन्न करने का ये अति उत्तम दिन है. मान्यता है कि इस दिन शिव जी को एक लोटा जल और एक बेलपत्र चढ़ाने मात्र से ही हर पीड़ा दूर हो जाती है.
सावन शिवरात्रि पर इस बार कर्क, कन्या, सिंह और वृषभ राशि का भाग्य चमकने वाला है. इन राशि के लोगों के अटके कार्य पूरे होंगे. धन से स्तोत्र बढ़ेंगे जिससे आर्थिक स्थिति सुधरेगी. बिजनेस करने वाले जातकों के लिए ये समय अनुकूल है. पति-पत्नी के बीच प्यार बढ़ेगा. मनचाहे साथी से शादी के योग हैं.
आज जमा लो भांग का रंग
आपकी जिंदगी बीते खुशियों के संग
भगवान भोले की कृपा बसरे आप पर
जीवन में भर जाए नई उमंग
सावन शिवरात्रि की शुभकामनाएं
सावन शिवरात्रि इस साल शनिवार के दिन है. ऐसे में जिन लोगों की कुंडली में कालसर्पदोष, पितृदोष और शनि का प्रकोप है वे सावन शिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर जलाभिषेक,पंचामृत या रुद्राभिषेक जरुर करें. साथ ही मंदिर में बेलपत्र का पौधा लगाएं. मान्यता है इससे ग्रहों की अशुभता दूर होती है.
सावन शिवरात्रि के दिन प्रातः जल्दी उठकर स्नान करें. शिव जी के समक्ष पूजा स्थान में दीप प्रज्वलित करें. घर या मंदिर में दूध, और गंगाजल आदि से अभिषेक करें. विधि विधान से उनकी पूजा करें. रात्रि के समय भी अभिषेक कर बेलपत्र, धतूरा, पुष्प आदि सामग्री चढ़ाएं. शिव को भोग लगाएं और आरती करें. इस दिन माता पार्वती की पूजा भी करें.
पुराणों के अनुसार समुद्र मंथन सावन में हुआ था. इस दौरानशिव जी ने मंथन से निकले विष का पान कर लिया था. जिसके बाद भोलेनाथ असहज हो गए थे, तभी समस्त देवी-देवताओं ने भोलेनाथ पर जल अर्पित किया जिससे विष का असर कम हो गया. ऐसा माना जाता है कि अगर सावन में पड़नी वाली शिवरात्रि के दिन शिव जी पर जल अर्पित करें तो आपके सभी दुख का नाश होगा.
शत्रु बाधा से परेशान है, विरोधी हर काम के आड़े आ रहा है तो सावन शिवरात्रि पर शिव जी को जल अर्पित करते हुए इस मंत्र का 108 बार जाप करें, शिव पुराण के अनुसार ये साधक की हर बाधा को नाश करने की शक्ति रखता है.
ऊँ हौं जूं स: ऊँ भुर्भव: स्व: ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। ऊर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ऊँ भुव: भू: स्व: ऊँ स: जूं हौं ऊँ।।
सावन शिवरात्रि प्रथम प्रहर पूजा - 07.21 PM - 09.54 PM (15 जुलाई 2023)
सावन शिवरात्रि दूसरा प्रहर पूजा - 15 जुलाई, 09.54 PM - 16 जुलाई, 12.27 AM
सावन शिवरात्रि तीसरा प्रहर पूजा - 12.27 AM - 03.03 AM (16 जुलाई 2023)
सावन शिवरात्रि चौथे प्रहर की पूजा - 03.03 AM - 05.33 AM (16 जुलाई 2023)
सावन शिवरात्रि के दिन रात्रि में शिव जी की पूजा की जाती है लेकिन अगर रात में पूजा न कर पाएं तो इन शुभ मुहूर्त में भी महादेव का जलाभिषे कर सकते हैं.
सुबह का मुहूर्त - सुबह 07:16 - सुबह 09:00 (16 जुलाई 2023)
शाम का मुहूर्त - रात 07.20 - रात 08.22
निशिता काल मुहूर्त - 16 जुलाई 2023, प्रात: 12.07 - प्रात: 12.48
सावन शिवरात्रि के दिन रात्रि के समय आटे का चौमुखी दीपक जलाकर शिवलिंग पर दही की धारा बनाकर चढ़ाएं. शिव चालीसा का 5 बार पाठ करें. मान्यता है इससे वैवाहिक जीवन में तनाव नहीं रहता. पति-पत्नी में मनमुटाव खत्म होता है, प्यार बढ़ता है
गंगाजल, जल, दूध दही, शुद्ध देशी घी, शहद, पंच रस, इत्र, गंध रोली, मौली जनेऊ, आम्र मंजरी, जौ की बालें, पुष्प, पूजा के बर्तन, कुशासन, मदार पुष्प, पंच मिष्ठान्न, बेलपत्र, धतूरा, भांग, बेर, गुलाल, अबीर, भस्म, सफेद चंदन, पंच फल, दक्षिणा, गन्ने का रस, कपूर, धूप, दीप, रूई, मलयागिरी, चंदन, शिव जी और मां पार्वती की श्रृंगार की सामग्री आदि.
वृद्धि योग - 14 जुलाई 2023, सुबह 08.28 - 15 जुलाई 2023, सुबह 08.22
ध्रुव योग - 15 जुलाई 2023, सुबह 08.22 - 16 जुलाई 2023, सुबह 8.33
बैकग्राउंड
Sawan Shivratri 2023 Live: सावन का महीना 4 जुलाई 2023 से शुरू हुआ था. शिव के प्रिय सावन में सोमवार के अलावा प्रदोष व्रत और शिवरात्रि का दिन भोलेनाथ की पूजा के लिए अधिक पुण्यफलदायी माना जाता है. इस साल सावन शिवरात्रि 15 जुलाई 2023 शनिवार को है.
वैसे तो हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है लेकिन सावन में आने वाली शिवरात्रि सबसे खास मानी जाती है. इस दिन कांवड़ यात्रा का समापन होता है, कांवड़िए गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक करते हैं.
सावन शिवरात्रि 2023 मुहूर्त (Sawan Shivratri 2023 Muhurat)
सावन की पहली मासिक शिवरात्रि का व्रत 15 जुलाई 2023 को है. इस दिन सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 15 जुलाई को रात 08.32 मिनट से 16 जुलाई 2023 को रात 10.08 मिनट तक रहेगी. शिवरात्रि में शिव पूजा निशिता काल मुहूर्त में की जाती है. इस दिन शिव पूजा देर रात्रि 12.07 - 12.48 पर की जाएगी.
सावन शिवरात्रि महत्व (Sawan Shivratri Significance)
शिवरात्रि शिव और शक्ति के मिलन का प्रतीक है. हर साल सावन की शुरुआत से कांवड़ यात्रा शुरू प्रारंभ हो जाती है जिसका समापन सावन शिवरात्रि के दिन होता है. मान्यता है कि सावन शिवरात्रि के दिन गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक करने वालों पर महादेव की विशेष कृपा बरसती है. इस दिन मां गौरी को सुहाग की सामग्री अर्पित करने से पति की आयु लंबी होती है. जीवन के हर कष्ट दूर हो जाते हैं. वैवाहिक जीवन में सुख, संतान प्राप्ति और आर्थिक लाभ पाना चाहते हैं तो सावन शिवरात्रि पर रुद्राभिषेक और जलाभिषेक करें.
शिव पुराण में इस व्रत का उल्लेख करते हुए लिखा है कि जो कोई भी इंसान इस दिन सच्चे मन से पूजा करता है और व्रत रखता है उसकी सभी इच्छाएं अवश्य पूरी हो जाती हैं. कुंवारी लड़कियां अच्छे वर की प्राप्ति के लिए ये व्रत रखती है. इस दिन पंचामृत से रात्रि के समय शिव का अभिषेक करना श्रेष्ठ माना जाता है. सावन शिवरात्रि के दिन चार प्रहर की पूजा का भी विधान है.
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