Sawan Shivratri 2024 Highlight: सावन शिवरात्रि आज, जलाभिषेक का मुहूर्त, शिव पूजन विधि यहां जान लें

Sawan Shivratri 2024 Highlight: सावन शिवरात्रि 2 अगस्त यानी आज है. शिवजी का जलाभिषेक (Jalabhishek) करने के लिए ये दिन बहुत खास है. इस दिन कांवड़ जल भी चढ़ेगा. जानें सावन शिवरात्रि की महत्वपूर्ण जानकारी.

एबीपी लाइव Last Updated: 02 Aug 2024 12:59 PM
Sawan Shivratri Paran: सावन शिवरात्रि का पारण कैसे करें

सावन शिवरात्रि के अगले दिन व्रत का पारण किया जाता है. 03 अगस्त 2024  सावन शिवरात्रि का पारण किया जाएगा. पारण के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 5:43 से दोपहर 3:48 तक रहेगा.

Sawan Shivratri Upay: सावन शिवरात्रि उपाय

शीघ्र विवाह के लिए: ओम: नम: शिवाय का जाप करते हुए शिवलिंग पर 108 बेलपत्र चढ़ाएं.


रोजी-रोजगार के लिए: जलधारा से शिवलिंग का अभिषेक करें.


आरोग्य के लिए: इत्र से शिवलिंग अभिषेक करें और रुद्राक्ष की माला धारण करें.


संतान प्राप्ति के लिए: शिवलिंग पर जलधारा अर्पित करें और घी का दीप जलाएं.


धनलाभ के लिए: दूध, दही, घी, शक्कर और शहद से शिवलिंग का अभिषेक करें.

Sawan Shivratri Puja Time: सावन शिवरात्रि में चारों प्रहर पूजा का समय

  • प्रथम प्रहर पूजा- शाम 7:11 से रात 9:49 तक

  • दूसरे प्रहर की पूजा- रात 9:49 से रात 12:27 तक

  • तीसरे प्रहर की पूजा: रात 12:27 से देर रात 3:06 तक

  • चौथे प्रहर की पूजा: देर रात 3:06 मिनट से अगले दिन सुबह 5:44 तक

Sawan Shivratri 2024 Wishes: सावन शिवरात्रि की हार्दिक शुभकामना


Sawan Shivratri 2024 Mantra: सावन शिवरात्रि की पूजा में पढ़ें ये मंत्र

  1.  ऊँ ह्रीं नमः शिवाय।

  2. ऐं ह्रीं श्रीं 'ऊँ नम: शिवाय:' श्रीं ह्रीं ऐं।

  3. ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे, सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
    उर्वारुकमिव बन्धनान्, मृत्योमुर्क्षीय मामृतात्।

  4. ऊँ तत्पुरुषाय विद्महे, महादेवाय धीमहि, तन्नो रूद्र प्रचोदयात।

Sawan Shivratri Yog: सावन शिवरात्रि पर शनि देव ने बनाया दुर्लभ योग

शनि देव फिलहाल कुंभ राशि में विराजमान हैं. सावन शिवरात्रि पर कुंभ राशि में विराजमान रहकर शनि देव ने दुर्लभ शश राजयोग (Shash Rajyog) का निर्माण किया है.

Sawan Shivratri 2024 Jalabhishek: सावन शिवरात्रि पर राशि अनुसार करें जलाभिषेक, होंगे ये लाभ































































मेष राशिगंगाजल में सुगंध मिलाकर अभिषेक करेंमंगल दोष कम होगा
वृषभ राशिदूध से अभिषेक करेंशुक्र ग्रह मजबूत होगा
मिथुन राशिगंगाजल में दूर्वा मिलाकर अभिषेक करेंबुध ग्रह मजबूत होगा
कर्क राशिपंचामृत से अभिषेक करेंमानसिक तनाव कम होगा
सिंह राशिदूध में गुड़ मिलाकर अभिषेक करेंकरियर-कारोबार में लाभ होगा
कन्या राशिगंगाजल और पान पत्ते से अभिषेक करेंकारोबार में वृद्धि होगी
तुला राशिघी से अभिषेक करेंसुख-सौभाग्य बढ़ेगा
वृश्चिक राशिदूध और शहद से अभिषेक करेंमंगल ग्रह मजबूत होगा
धनु राशिदूध और केसर से अभिषेक करेंमनाचाहा जीवनसाथी मिलेगा
मकर राशिनारियल जल से अभिषेक करेंशनि दोष कम होगा
कुंभ राशिगंगाजल में अपराजिता फूल मिलाकर अभिषेक करेंसाढ़ेसाती का प्रभाव कम होगा
मीन राशिगंगाजल और दूध से अभिषेक करेंकुंडली में गुरु मजबूत होगा
Sawan Shivratri Daan: सावन शिवरात्रि पर करें इन चीजों का दान

आज सावन शिवरात्रि के दिन गरीब व जरूरतमंदों में आप अपने सामर्थ्यनुसार दूध, जल, अन्न, वस्त्र, फल,गुड़, तिल और मिठाई आदि का दान करें.

Sawan Shivratri Rules: सावन शिवरात्रि पर शिवभक्त आज क्या करें

सावन शिवरात्रि के दिन भक्तों को व्रत जरूर रखना चाहिए. साथ ही इस दिन शिवजी का अभिषेक जरूर करें. मंत्र जाप, जलाभिषेक और रुद्राभिषेक आदि के लिए यह दिन अतिशुभ होता है.

Sawan Shivratri Rules: सावन शिवरात्रि पर आज क्या न करें

सावन शिवरात्रि भोलेबाबा का दिन होता है. इसलिए आज लहसुन-प्याज का सेवन न करें. घर का माहौल पवित्र और शुद्ध रखें. शिवजी की पूजा में तुलसी के पत्ते, सिंदूर, खंडित अक्षत आदि न चढ़ाएं.

Sawan Shivratri Jalabhishek and Puja Vidhi: सावन शिवरात्रि पर जलाभिषेक और पूजा विधि

सावन शिवरात्रि पर गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक करें. इसके बाद आप कच्चे दूध, दही, शहद, जल आदि या पंचामृत से अभिषेक कर सकते हैं. अभिषेक के दौरान ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें. अभिषेक के बाद शिवलिंग पर भांग, धतूरा, बेलपत्र, शमी के पत्ते,फूल, फल और मिष्ठान आदि चढ़ाकर धूप-दीप जलाएं. आखिर में शिवजी की आरती करें.

Sawan Shivratri Jalabhishek Time: सावन शिवरात्रि पर जलाभिषेक के लिए 42 मिनट का शुभ समय

आज निशिता काल में शिवजी की पूजन किया जाएगा. पूजा और जलाभिषेक के लिए आज देर रात 12:06 से रात 12:48 तक का समय है. ये 42 मिनट सावन शिवरात्रि की पूजा के बहुत शुभ है.

Sawan Shivratri 2024: सावन शिवरात्रि पर क्या हुआ था

सावन शिवरात्रि का महत्व बहुत खास है. क्योंकि समुद्र मंथन के दौरान निकले हलाहल विष को भगवान शिव ने पी लिया था. विष की तपन व जलन को शांत करने के लिए इसी दिन सभी देवताओं ने जल से अभिषेक किया था.

Sawan Shivratri 2024 Rashifal: सावन शिवरात्रि का दिन किन राशियों के लिए शुभ

आज शुक्रवार, 2 अगस्त के दिन सावन माह की शिवरात्रि है. आज का दिन मेष, वृश्चिक, धनु और कुंभ राशि वालों के लिए अत्यंत शुभ रहेगा.

Sawan Shivratri 2024 Wishes: सावन शिवरात्रि की शुभकामनाएं


Sawan Shivratri Puja: सावन शिवरात्रि पर करें पार्थिव शिवलिंग की पूजा

सावन शिवरात्रि पर मिट्‌टी के शिवलिंग बनाकर पूजा करें. सुबह स्नान के बाद सफेद रंग के वस्त्र पहने और जल, दूध, दही, घी की धारा बनाकर शिव का अभिषेक करें. फिर गन्ने के रस की धारा शिवलिंग पर अर्पित करते हुए 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जप करते रहें. बेलपत्र, धतूरा चढ़ाएं. खीर का भोग लगाएं. शिव चालीसा का पाठ करें. अगले दिन मिट्‌टी के शिवलिंग को जल में प्रवाहित कर दें.

Sawan Shivratri 2024 muhurat: सावन शिवरात्रि पर शिव पूजा का मुहूर्त

चर (सामान्य) - सुबह 05.43 - सुबह 07.24
लाभ (उन्नति) - सुबह 07.24 - सुबह 09.05
अमतृ (सर्वोत्तम) - सुबह 09.05 - सुबह 10.46
प्रदोष काल - शाम 05.30 - रात 07.11

Sawan Shivratri Puja Samagri: सावन शिवरात्रि पूजा सामग्री

सावन शिवरात्रि पर शिव पूजा के लिए गंगाजल, जल,  दही, दूध, कलश, जौ की बालें, भांग, बेर, कपूर, धूप, दीप, गुलाल, अबीर, भस्म, सफेद चंदन, घी, शहद, पंच रस, इत्र, गंध रोली, मदार पुष्प, पंच मिष्ठान्न, बेलपत्र, मौली जनेऊ, आम्र मंजरी, पुष्प, पूजा के बर्तन, कुशासन, धतूरा, पंच फल, दक्षिणा, गन्ने का रस, रूई, मलयागिरी, शिव जी और मां पार्वती की श्रृंगार की सामग्री आदि.

Sawan Shivratri 2024: सावन शिवरात्रि पर 19 साल बाद दुर्लभ संयोग

सावन शिवरात्रि 19 साल बाद आर्द्रा नक्षत्र में मनाई जाएगी. आर्द्रा नक्षत्र के देवता रूद्र (शिव) माने गए हैं. आर्द्रा नक्षत्र 1 अगस्त को सुबह 10.24 से शुरू होगा और 2 अगस्त 2024 को सुबह 10.59 पर समाप्त होगा. ऐसे में इस दौरान शिव पूजा का दोगुना फल मिलेगा.

Sawan Shivratri 2024 Time: सावन शिवरात्रि पर चार प्रहर पूजा का मुहूर्त

  • रात्रि प्रथम प्रहर- रात 07:11 - रात 09:49

  • रात्रि द्वितीय प्रहर- रात 09:49 - प्रात: 12:27, 3 अगस्त

  • रात्रि तृतीय प्रहर- प्रात: 12:27 - प्रात: 03:06, 3 अगस्त

  • रात्रि चतुर्थ प्रहर- प्रात: 03:06 - सुबह 05:44, 3 अगस्त

Sawan Shivratri Jalabhishek: शिवरात्रि पर जलाभिषेक का शुभ मुहूर्त

निशिता काल पूजा मुहूर्त - सावन शिवरात्रि के दिन भोलेनाथ की पूजा रात में होती है. ऐसे में सावन शिवरात्रि पर प्रात: 12.06 मिनट से सुबह 12.49 के बीच जलाभिषेक का मुहूर्त बन रहा है. कहते हैं इस दिन प्रदोष काल और रात्रि काल में शिवलिंग में महादेव का वास होता है.

बैकग्राउंड

Sawan Shivratri 2024 Highlight: सावन (Sawan) में शिव पूजा (Shiva) का सबसे खास पर्व आज यानि 2 अगस्त 2024, शुक्रवार यानि को सावन शिवरात्रि है. महाशिवरात्रि के बाद सावन शिवरात्रि भोलेनाथ की सबसे प्रिय रात्रि मानी जाती है.


यही वजह है कि इस दिन शिवलिंग पर जलाभिषेक (Jalabhishek) करने वालों के हर संकट बहते पानी की तरह मिटते चले जाते हैं सावन शिवरात्रि की पूजा का कई गुना फल प्राप्त होता है.


ये पर्व शिव और माता पार्वती दोनों को समर्पित है. सुखी वैवाहिक जीवन, शीघ्र विवाह, धन लाभ, करियर में तरक्की, संतान सुख की प्राप्ति के लिए सावन शिवरात्रि की पूजा शुभ फलदायी मानी गई है.


सावन शिवरात्रि 2024 तिथि (Sawan Shivratri 2024 Today)


सावन शिवरात्रि हर साल सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर मनाई जाती है. इस दिन कावंड़ यात्रा (Kanwar yatra) का समापन भी होता है. सावन शिवरात्रि तिथि 2 अगस्त 2024 को दोपहर 03.26 मिनट से शुरू होगी और 3 अगस्त 2024 को दोपहर 03.50 मिनट पर समाप्त होगी.


सावन शिवरात्रि पर जलाभिषेक का महत्व (Sawan Shivratri Jalabhishek Significance)


सावन की शुरुआत से कांवड़िए पैदल यात्रा कर कांवड़ में गंगा नदी से जल भरकर लाते हैं और फिर सावन शिवरात्रि पर इस जल से भोलेनाथ का अभिषेक करते हैं. शिव पुराण के अनुसार सावन शिवरात्रि पर जलाभिषेक या रुद्राभिषेक कराने से व्यक्ति को रोग, दोष, कष्ट, पाप आदि से मुक्ति मिलती है. मोक्ष की प्राप्ति होती है.


शिवुपराण के अनुसार सावन शिवरात्रि का व्रत करने से आपको संपूर्ण सावन की पूजा का फल प्राप्‍त होता है. साथ ही भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद प्राप्‍त होता है.


सावन शिवरात्रि पर कैसे करें पूजा (Sawan Shivratri Puja Vidhi)


सावन महीने में प्रदोष और शिव चतुर्दशी पर सुबह जल्दी उठकर नहाने के बाद भगवान भोलेनाथ का जल और दूध से अभिषेक करने की परंपरा है. साथ ही फलों के रस से भी अभिषेक करना चाहिए. इससे ग्रहों की समस्या दूर होती है. वैवाहिक जीवन में सुख-शांति आती है.

- - - - - - - - - Advertisement - - - - - - - - -

TRENDING NOW

© Copyright@2024.ABP Network Private Limited. All rights reserved.