Sawan Shiv Puja: सावन में शिव पूजा के समय इन 5 चीजों को भूल से भी न करें अर्पित, वर्ना भोलेनाथ हो जाएंगे रुष्ट
Sawan Mass Shiv Puja: सावन का महीना प्रारंभ हो गया है. इस माह में भगवान शिव और माता पार्वती पृथ्वी पर भ्रमण के लिए आते हैं. इसलिए श्रावण मास में भोलेनाथ की पूजा बहुत ही फलदायी होती है.
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Sawan Mass Shiv Puja: हिंदू पंचांग के अनुसार, आज 25 जुलाई से सावन का महीना प्रारंभ हो चुका है. सावन मास भगवान शंकर को बेहद प्रिय है. इस माह में शिव भक्त भगवान शंकर की विविध रूप से पूजा करते हैं. मान्यता है कि इस माह में भगवान शिव और माता पार्वती भ्रमण के लिए आते हैं. इस लिए भगवान शिव की पूजा अत्यंत फलदायी होती है. वह भक्त पर बहुत जल्द प्रसन्न होते हैं. परन्तु यह भी ध्यान रहे कि उनका क्रोध बहुत ही भयंकर होता है इस लिए उनकी पूजा के समय कुछ सावधानियां हमेशा ध्यान में रखना चाहिए. इस लिए शिव की पूजा में कई सारी चीजों का इस्तेमाल वर्जित होता है. आइये जानते हैं किन चीजों के इस्तेमाल से भगवान शिव नाराज हो सकते हैं.
गुड़हल का फूल भगवान शिव को न करें अर्पित: हिंदू धर्म शास्त्रों में भगवान शिव को वैरागी कहा गया है. चूंकि गुड़हल का फूल लाल रंग का होता है, जो भाग्य का प्रतीक माना जाता है. इसलिए भगवान शिव को गुड़हल का फूल भूलकर भी न चढ़ाएं.
तुलसी पत्र भोलेनाथ को न करें अर्पित: भगवान शिव ने जलंधर का वध किया था जो कि तुलसी के वृंदा रूप में पति थे. भगवान विष्णु ने वृंदा के तुलसी रूप को लक्ष्मी की तरह प्रिय होने का वरदान दिया था. इस लिए भगवान शिव की पूजा में तुलसी का प्रयोग बिल्कुल न करें.
तिल का प्रयोग न करें: मान्यता है कि तिल भगवान विष्णु के मैल से पैदा हुआ था. इस लिए इसे भगवान शिव की पूजा में तिल को नहीं चढ़ाया जाना चाहिए. नहीं तो शंकर भगवान कुपित होंगे.
शंख से भगवान शिव को जलाभिषेक न करें: शिवपुराण के अनुसार, महादेव ने शंखचूर नामक असुर का वध किया था. इस लिए शंख का प्रयोग शिव पूजा में वर्जित है.
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