Mauna Panchami 2022, Sawan 2022: सावन में भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए वैसे तो पूरे माह आराधना की जाती है लेकिन शिव जी की पूजा के लिए सावन में कई विशेष तिथियां भी होती है. इन्हीं में से एक है मौना पंचमी. सावन  के कृष्णपक्ष की पंचमी तिथि पर मौना पंचमी व्रत रखा जाता है. 18 जुलाई 2022 को सावन के पहले सोमवार (First sawan somwar 2022) पर मौना पंचमी मनाई जाएगी.


ये बिहार का मुख्य त्योहार है. इस दिन भगवान भोलेनाथ के दक्षिणामूर्ति रूप की पूजा के साथ नाग देवता की आराधना करते हैं. आइए जानते हैं क्यों मौना पंचमी व्रत का महत्व और क्यों इस दिन मौन रहकर भगवान भोलेनाथ की पूजा की जाती है.


मौना पंचमी पर क्यों रखते हैं मौन व्रत



  • मान्यता है कि मौना पंचमी पर भगवान शिव के साथ नाग देवता की पूजा करने से जीवन में आ रही तमाम दिक्कतें दूर हो जाती हैं

  • कहते हैं कि इस दिन मौन रहकर भोलेनाथ की आराधना करने से जातक की मानसिक शक्ति का विकास होता है और शारीरिक तौर पर ऊर्जावान रहने में मदद मिलती है.

  • मौन व्रत से व्यक्ति मानसिकर रूप से धैर्य और संयम रखना सीख पाता है. शांत मन से मौना पंचमी पर शिव और नाग देवता की पूजा करने से काल का डर खत्म होता है.

  • इस दिन दक्षिणामूर्ति स्वरूप भोलेनाथ का पंचामृत और जल से अभिषेक करने पर  बुद्धि और ज्ञान में वृद्धि होती है.


किसे करना चाहिए मौना पंचमी का व्रत


नवविवाहितों के लिए मौना पंचमी का व्रत महत्वपूर्ण माना गया है. सौभाग्य की प्राप्ती के लिए सुहागिन महिलाएं इस दिन से 15 दिन तक नाग देवता की पूजा और व्रत रखती हैं. मान्यता है कि नवविवाहित जोड़े इस दिन व्रत रख विधि विधान से भोलेनाथ की पूजा करें तो उनके दांपत्य जीवन में हमेशा खुशहाली आती है.


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