Sawan 2022 Belpatra: सावन 12 अगस्त 2022 को समाप्त हो जाएगा. सावन का चौथा सोमवार 8 अगस्त 2022 को है. सावन के सभी सोमवार पर पूजा में शिवभक्त भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए बेलपत्र जरूर चढ़ाते हैं. बेलपत्र शिव जी को बहुत प्रिय है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन माह के सोमवार को शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने से एक करोड़ कन्यादान के बराबर फल प्राप्त होता है. शिव पुराण में भी भोलेनाथ की कृपा पाने के लिए बेलपत्र के वृक्ष का महात्म्य बताया गया है. शास्त्रों में जिस तरह महादेव की उपासना में बेल का फल और बेलपत्र के महत्व वर्णन किया है उसी तरह बेलपत्र के जड़ की भी खास अहमियत है. सावन खत्म होने में अब कुछ ही दिन शेष बचे हैं ऐसे में बेलपत्र की जड़ के लाभ पाने का शुभ अवसर है. आइए जानते हैं बेलपत्र वृक्ष की विशेषताएं.
सावन में बेलपत्र की जड़ का महत्व:
- बेल के पेड़ को श्रीवृक्ष भी कहा जाता है. इसकी जड़ में धन की देवी मां लक्ष्मी का वास होता है. जो व्यक्ति सावन में इस पेड़ की पूजा करता है उस पर महादेव के साथ देवी लक्ष्मी की भी कृपा बरसती है.
- सावन में बेलपत्र पेड़ की जड़ को सींचने और पूजा करने से शिव की विशेष कृपा मिलती है और समस्त पाप भी नष्ट हो जाते हैं. मान्यता है कि सावन सोमवार की पूजा में शिवलिंग पर बेलपत्र की थोड़ सी जड़ अर्पित करने से आय में वृद्धि होती है.
- शास्त्रों के अनुसार सावन में सोमवार के दिन बेलपत्र के पेड़ की पूजा कर. जड़ को घर ले आएं और एक लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी या धन के स्थान पर रख दें. मान्यता है इससे बरकत बनी रहती है और धन आगमन होता है.
- सावन में बेलपत्र वृक्ष के पास किसी जरूरतमंद या शिवभक्त को घी, अन्न या मिठाई का दान करने दरिद्रता नहीं आती. आर्थिक संकट से नहीं गुजरना पड़ता.
- धार्मिक मान्यता के अनुसार बेल के जड़ को मस्तिष्क पर स्पर्श करने मात्र से ही समस्त तीर्थ यात्रा जैसे पुण्यफल मिल जाता है. मान्यता है कि बेल वृक्ष की जड़ की पूजा करने से व्यक्ति को सभी तरह के पापों से मुक्ति मिलती है.
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