Vinayak Chaturthi 2023: सावन विनायक चतुर्थी पर बनेंगे 5 अद्भुत योग, जरुर करें ये काम, बप्पा की बरसेगी कृपा
Vinayak Chaturthi 2023 Date: सावन माह की विनायक चतुर्थी 20 अगस्त 2023 को है. इस साल सावन विनायक चतुर्थी बहुत खास है, क्योंकि इस दिन 5 शुभ योग का संयोग बन रहा है.
Sawan Vinayak Chaturthi 2023 Kab Hai: सावन माह की विनायक चतुर्थी 20 अगस्त 2023 को है. इस दिन रिद्धि सिद्धि के दाता और शिव पुत्र गणेश जी की उपासना की जाती है. पुराणों के अनुसार चतुर्थी गणपति जी की जन्म तिथि मानी गई है, ऐसे में हर माह की विनायक चतुर्थी पर जो बप्पा की पूजा करता है उसके सारे विघ्न दूर हो जाते हैं.
इस साल सावन विनायक चतुर्थी बहुत खास है, क्योंकि इस दिन 5 शुभ योग का संयोग बन रहा है. आइए जानते हैं सावन विनायक चतुर्थी व्रत का मुहूर्त, शुभ योग और विधि.
सावन विनायक चतुर्थी 2023 मुहूर्त (Sawan Vinayak Chaturthi 2023 Muhurat)
सावन शुक्ल चतुर्थी तिथि शुरू - 19 अगस्त 2023, रात 10.19
सावन शुक्ल चतुर्थी तिथि समाप्त - 21 अगस्त 2023, प्रात: 12.21
- पूजा मुहूर्त - सुबह 11.26 - दोपहर 01.58 (20 अगस्त 2023)
- चंद्रोदय समय - सुबह 09.03
- चंद्रास्त समय - रात 09.09
सावन विनायक चतुर्थी 2023 शुभ योग (Sawan Vinayak Chaturthi 2023 Shubh Yoga)
इस साल सावन विनायक चतुर्थी पर 5 शुभ योग सर्वार्थ सिद्धि, अमृत सिद्धि, रवि योग, शुभ योग और साध्य योग के संयोग का निर्माण हो रहा है, जो व्रती को कई गुना फल प्रदान करेगा. कार्य में सफलता पाने के लिए ये दिन बहुत शुभ माना जा रहा है.
- सर्वार्थ सिद्धि योग - 20 अगस्त 2023, सुबह 06:21 - 21 अगस्त 2023, सुबह 04:22
- रवि योग - 20 अगस्त 2023, सुबह 06:21 - 21 अगस्त 2023, सुबह 04:22
- अमृत सिद्धि योग - 20 अगस्त 2023, सुबह 06:21 - 21 अगस्त 2023, सुबह 04:22
- साध्य योग - 19 अगस्त 2023, रात 09:19 - 20 अगस्त 2023, 09:59
- शुभ योग - 20 अगस्त 2023, 09:59 - 21 अगस्त 2023, रात 10.21
सावन विनायक चतुर्थी का शक्तिशाली मंत्र (Sawan Vinayak Chaturthi Mantra)
प्रातर्नमामि चतुराननवन्द्यमानमिच्छानुकूलमखिलं च वरं ददानम्।
तं तुन्दिलं द्विरसनाधिपयज्ञसूत्रं पुत्रं विलासचतुरं शिवयो: शिवाय।।
प्रातर्भजाम्यभयदं खलु भक्तशोकदावानलं गणविभुं वरकुञ्जरास्यम्।
अज्ञानकाननविनाशनहव्यवाहमुत्साहवर्धनमहं सुतमीश्वरस्य।।
सावन विनायक चतुर्थी पूजा विधि (Sawan Vinayak Chaturthi Puja Vidhi)
- विनायक चतुर्थी की पूजा दोपहर में की जाती है इसलिए सूर्योदय से पूर्व स्नान के बाद व्रत का संकल्प लें और फिर शुभ मुहूर्त में गणपति की पूजा करें.
- भगवान गणेश की प्रतिमा के सामने धूप, दीप इत्यादि जलाएं.
- गणपति बप्पा की तस्वीर या मूर्ति को गंगाजल से स्नान कराएं और उन्हें स्वच्छ वस्त्र पहनाएं.
- गणेश जी को सिंदूर का तिलक लगाएं. इस दिन भगवान गणेश को मोदक का भोग लगाना बिल्कुल ना भूलें और पूजा के अंत में भगवान गणेश की आरती अवश्य करें.
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