Shiv Ke Vahan Nandi : हर मंदिर में देखा जा सकता है कि भगवान शिव के सामने ही उनके वाहन नंदी की मूर्ति स्थापित होती है. जिस प्रकार भगवान शिव के दर्शन और पूजन का महत्व है, उसी प्रकार नंदी का दर्शन भी जरूरी होता है. कहा जाता है कि अगर अपनी मनोकामना नंदी के कान में कहीं जाए तो वे भगवान शिव तक उसे जरूर पहुंचाते हैं. शास्त्रों में इस बात का जिक्र किया गया है कि स्वयं भगवान शिव जी ने नंदी को यह वरदान दिया था कि जो तुम्हारे कान में आकर अपनी मनोकामना कहेगा उस व्यक्ति की सभी इच्छाएं जरूर पूरी होंगी.


ग्रंथों के अनुसार शिव जी हमेशा अपनी तपस्या में ही लीन रहते थे और उनकी तपस्या में कोई विग्न न पड़े इसलिए नंदी हमेशा शिवजी की सेवा में तैनात रहते थे. ऐसे में जो भी भक्त शिवजी के दर्शन को आते थे, वे नंदी के कानों में अपनी मनोकामना बोल कर चले जाते थे. नंदी के कानों से बात शिव जी तक जाती थी, इसलिए लोग मंदिरों में शिवजी के कानों में अपनी मनोकामना बोलते हैं. अगर आप भी नंदी के कान नमें कुछ कहना चाहते हैं तो जान लें कि नंदी के कान में अपनी समस्या या मनोकामना कहने के कुछ नियम होते हैं और उनका पालन करना बहुत आवश्यक होता है.



  • कोई भी मनोकामना कहने से पहले नंदी की पूजा अवश्य करें. 

  • नंदी के कान में अपनी मनोकामना कहते समय इस बात का ध्यान रखें कि आपकी कही हुई बात कोई और न सुनें.

  • अपनी बात इतनी धीमें कहें कि आपके पास खड़े व्यक्ति को भी उस बात का पता न लगे.

  • अपनी बात नंदी के किसी भी कान में कही जा सकती है लेकिन बाएं कान में कहने का अधिक महत्व है.

  • अपनी बात कहते समय अपने होंठों को अपने दोनों हाथों से ढंक लें ताकि कोई अन्य व्यक्ति उस बात को कहते हुए आपको न देखें.

  • नंदी के कान में कभी भी किसी दूसरे की बुराई, दूसरे व्यक्ति का बुरा करने की बात न कहें.

  • नंदी को अपनी मनोकामना बोलने के बाद उनके सामने कोई चीज भी भेंट करें. जैसे फल, धन या फिर प्रसाद.

  • मनोकामना बोलने के बाद बोलें ये बोले कि 'नंदी महाराज हमारी मनोकामना पूरी करो'.


अगर आप ऐसा करते है तो आपकी मनोकामना भगवान शिव तक पहुंच जाएगी और इसका फल आपको तुरंत प्राप्त होगा.


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