Septemeber Vrat-Festival list 2022: सितंबर माह की शुरुआत हो चुकी है. हिंदू पंचांग के अनुसार अभी भाद्रपद महीना चल रहा है. 10 सितंबर से अश्विन माह आरंभ हो जाएगा. इस साल सितंबर महीना व्रत-त्योहार के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है. 31 अगस्त 2022 को गणेश चतुर्थी से गणपति उत्सव शुरू हो चुका है. 9 सिंतबर 2022 को अनंत चतुर्दशी पर बप्पा का विसर्जन किया जाएगा. आज सितंबर माह का पहला दिन और ऋषि पंचमी का व्रत है. आइए जानते हैं इस माह के बड़े व्रत और त्योहार की लिस्ट.


सितंबर 2022 के बड़े व्रत-त्योहार: (Septemeber Vrat Tyohar calendar 2022)


01 सितंबर (गुरुवार)– ऋषि पंचमी, ललिता षष्ठी


ऋषि पंचमी - ऋषि पंचमी पर सत्पऋषि की पूजा की जाती है. पाप से मुक्ति पाने के लिए ये व्रत किया जाता है. इस व्रत का संबंध महिलाओं के मासिक धर्म से है.


02 सितंबर (शुक्रवार)– सूर्य षष्ठी, संतान सप्तमी, बड़ी सातम


संतान सप्तमी - भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को संतान सप्तमी व्रत रखा जाता है. इस दिन महिलाएं व्रत रखकर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं. संतान सुख और उसकी खुशहाली के लिए ये व्रत किया जाता है.


03 सितंबर (शनिवार) - महालक्ष्मी व्रत शुरू


महालक्ष्मी व्रत - भाद्रपद शुक्ल की अष्टमी तिथि से महालक्ष्मी व्रत का आगाज हो जाएगा. ये व्रत सोलह दिन तक चलते है. इसमें धन की देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है.


04 सितंबर (रविवार)– श्री राधाष्टमी, स्वामी हरिदास जयंती


राधाष्टमी - श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के 15 दिन बाद राधा रानी का जन्मोत्सव मनाया जाता है. इस दिन राधा जी के साथ कान्हा की पूजा की जाती है.


05 सितंबर (सोमवार)– शिक्षक दिवस


शिक्षक दिवस - महान शिक्षक सर्वपल्ली राधाकृष्णन की याद में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाते हैं. ये दिन गुरु के प्रति सम्मान प्रकट करने का है.


06 सितंबर (मंगलवार)– परिवर्तिनी एकादशी (स्मार्त)


परिवर्तिनी एकादशी - एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है. परिवर्तिनी एकादशी का व्रत करने से पाप से मुक्ति मिलती है.


07 सितंबर (बुधवार)– डोलग्यारस, जलझूलनी एकादशी (वैष्णव )


डोलग्यारस - कृष्णा जन्माष्टमी के बाद आने वाली एकादशी को डोल ग्यारस कहते हैं. इसे परिवर्तिनी एकादशी, पार्श्व एकादशी, पद्मा एकादशी, जलझूलनी एकादशी और वामन एकादशी भी कहा जाता है.


08 सितंबर (गुरुवार)- भादो शुक्ल प्रदोष व्रत


09 सितंबर (शुक्रवार)– अनंत चतुर्दशी, गणपति बप्पा विसर्जन


अनंत चतुर्दशी - 10 दिन के गणेश उत्सव का अनंत चुतुर्दशी पर समापन होता है इस दिन बप्पा अपने लोक लौट जाते हैं.


10 सितंबर (शनिवार)–  पितृ पक्ष आरंभ,  श्राद्ध प्रारम्भ, पूर्णिमा व्रत


पितृ पक्ष - भाद्रपद की पूर्णिमा और अश्विन मास की कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा को पितृ पक्ष कहते हैं. इसमें लोग अपने पूर्वजों के निमित्त तर्पण, पिंडदान करते हैं.


13 सितंबर (मंगलवार) - विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी व्रत


संकष्टी चतुर्थी - हर माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी व्रत रखा जाता है. ये दिन गणपति जी को समर्पित है.


17 सितंबर (शनिवार)– कन्या संक्रांति, जीवित पुत्रिका व्रत, अशोकाष्टमी


कन्या संक्रांति- जब सूर्य एक राशि परिवर्तन करते हैं तो उस दिन संक्रांति होती है. कन्या संक्रांति पर सूर्य कन्या राशि में प्रवेश करेंगे.


21 सितंबर (बुधवार)– इंदिरा एकादशी


इंदिरा एकादशी - इंदिरा एकादशी पर व्रत रखकर भगवान विष्णु से पाप कर्मों की माफी मांगी जाती है.


23 सितंबर (शुक्रवार) - अश्विन माह प्रदोष व्रत (कृष्ण पक्ष)


अश्विन माह प्रदोष व्रत - प्रदोष व्रत पर महादेव की आराधना की जाती है. इस दिन प्रदोष काल में शिव की पूजा का विधान है


24 सितंबर (शनिवार) - मासिक शिवरात्रि


मासिक शिवरात्रि - शिवरात्रि तिथि भगवान भोलेनाथ को समर्पित है. इस दिन रात्रि में चार प्रहर की पूजा से समस्त मनोकामना पूर्ण होती है.


25 सितंबर (रविवार)– सर्वपितृ अमावस्या, श्राद्ध समाप्त


सर्वपितृ अमावस्या - सर्वपितृ अमावस्या यानि श्राद्ध पक्ष का अंतिम दिन. शास्त्रों के अनुसार सर्वपितृ अमावस्या के दिन श्राद्ध, तर्पण करने से हर मनोकामना पूरी होती है. 


26 सितंबर (शुक्रवार)– शारदीय नवरात्रि आरंभ, घटस्थापना, महाराजा अग्रसेन जयंती


शारदीय नवरात्रि - सितंबर माह में हिंदूओं का बड़ा त्योहार नवरात्र 26 सितंबर से शुरू हो रहे हैं. नवरात्रि में नौ दिन तक मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा होती है.


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